पाली के पार्षदों ने बदहाल शहर की हालात से मंत्री को रूबरू करवाने के लिए किया अनूठा प्रयोग
झुंझुनू, झुंझुनू महज कागजी ही अब अग्रणी रह गया है यह कहे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। शेखावाटी के जो जिले अभी तक झुंझुनू पिछड़े थे वह भी अब आगे निकल चले हैं। इसमें झुंझुनू जिला मुख्यालय की बात करें तो झुंझुनू शहर के बदहाल हालत किसी से छुपे हुए नहीं है। झुंझुनू नगर परिषद शहर की समस्याओं के प्रति धृतराष्ट्र बन बैठी है। वही सत्ता में बैठे जिम्मेदारो ने भी लगता है मौन मूक स्वीकृति इनको दे रखी है। आज हम आपको एक वाकये से रूबरू करवा रहे हैं कि राजस्थान सरकार के नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा हाल ही में पाली में पहुंचे थे, जहां के वह प्रभारी मंत्री हैं। भाजपा के पार्षदों ने ही शहर की बदहाली को मंत्री के सामने लाने के लिए अनूठा नवाचार किया और उन्होंने पाली शहर के जल भराव के इलाके व अन्य बदहाल स्थान का फोटो फ्रेम तैयार करवा कर बाकायदा अपनी ही सरकार के मंत्री झाबर सिंह खर्रा को भेंट कर दिया। यदि झुंझुनू के जनप्रतिनिधियों या झुंझुनू नगर परिषद के पार्षदों की तुलना इस मामले में की जाए तो वह कहीं आसपास भी नहीं फटकते हैं। पिछले दिनों झुंझुनू नगर परिषद आयुक्त के केबिन के बाहर दर्जन से अधिक पार्षदों द्वारा धरना प्रदर्शन जरूर किया गया था लेकिन यह सभी पार्षद जिस मजबूती से अपनी मांग को सामने रखकर धरने पर बैठे थे उतनी मजबूती वह दिखा नहीं पाए और जिसके चलते इन पार्षदों के दावे राजनीतिक दखल्दाजी के चलते हवा हवाई हो गए और फिर हवा हवाई आश्वासन के सहारे ही चुपचाप इस धरने को उठा दिया गया। आगामी नगर परिषद के चुनाव में इन पार्षदों से झुंझुनू की जनता तो सवाल करेंगी ही वही अन्य भी झुंझुनू नगर परिषद के जो पार्षद हैं उनको भी राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर शहर की बदहाली के प्रति आवाज उठानी चाहिए।
पाली के पार्षदों ने जो नवाचार किया है वह झुंझुनू के पार्षदों के लिए एक छोटा सा आदर्श उदाहरण साबित हो सकता है। झुंझुनू शहर की बदहाल सड़के, गंदे पानी के भराव की समस्या, आवारा पशु, अवैध निर्माण, नगर परिषद की स्वीकृति के विपरीत निर्माण कार्य बदस्तूर जारी हैं लेकिन ना तो सत्ता के शिखर से और ना ही प्रशासनिक स्तर पर इन पर कोई रोकथाम लगाने के लिए प्रभावी कदम सामने आ रहे हैं। जिसके चलते लगता है कि झुंझुनू नगर क्षेत्र की जनता को भगवान हवाले और जिम्मेदारों ने नगर परिषद की बिगड़े हालातो के सामने अपना सरेंडर कर दिया है। थोड़ी सी बारिश होने पर ही झुंझुनू के बीड क्षेत्र में शहर प्रवेश या बाहर जाकर दिखाएं यह जिम्मेदार या फिर तीन नंबर रोड से बेधड़क गुजर कर दिखाएं या फिर पंचदेव मंदिर के पास से गुजर कर दिखाएं यह जिम्मेदार, लेकिन आम जनता की तो मजबूरी है उन्हें तो अपने दुपहिया वाहन या पैदल इन्ही टूटी-फूटी सड़कों से गुजरना होगा। बड़ा सवाल तो यह भी है की नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री भी शेखावाटी क्षेत्र से आते हैं और समय-समय पर वह झुंझुनू भी आकर गए हैं लेकिन मजबूती से शहर की समस्याओं को अवगत करवाने के लिए झुंझुनू शहर के जनप्रतिनिधियों ने प्रभावी भूमिका नहीं निभाई। वही अपनी ही सरकार में भाजपाइयों की खामोशी भी बहुत सारे सवाल खड़ा करती है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू