झुंझुन के सामाजिक कार्यकर्त्ता ने जताई भ्रष्टाचार मामले में नुकसान पहुंचाने की आशंका
जल शक्ति मंत्रालय की कंपनी वाप्कोस लिमिटेड के बड़े अधिकारियो पर है भ्रष्टाचार का आरोप
झुंझुनू जिले के कुछ जन प्रतिनिधियों पर भी लगाया अप्रत्यक्ष रूप से दबाब बनाने का आरोप
झुंझुनू, झुंझुनू जिले के जाखल गांव के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल सिंह ने भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की कंपनी वाप्कोस लिमिटेड व उसकी सहायक कंपनी एनपीसीसी लिमिटेड के चेयरमैन आरके अग्रवाल व समीर चावला इत्यादि पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में 8 माह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय सहित सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर के पास गई शिकायतों का हवाला देते हुए झुंझुनू के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुछ स्थानीय लोगों एवं पंचायती राज व्यवस्था के जन प्रतिनिधियों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने का आरोप लगाया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सतपाल सिंह ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत इस कंपनी में विभिन्न मामलों को लेकर भ्रष्टाचार को लेकर मैंने 8 माह पहले शिकायत दर्ज करवाई थी। आरके अग्रवाल व समीर चावला इत्यादि लोग मेरे गांव तक पहुंच गए और मुझ पर इस शिकायत को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। मैंने इस संदर्भ में झुंझुनू जिला पुलिस अधीक्षक को भी गुहार लगाई। जिस पर उन्होंने गुढ़ागौड़जी थाने द्वारा जांच करने के उपरांत इन लोगों को पाबंद किया। मुझे आशंका है कि यह लोग किसी प्रकार से मुझे नुकसान पहुंचा सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से अपील की है कि इस मामले में शीघ्र ही जांच पूरी करके दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए। इस अवसर पर सतपाल सिंह ने कुछ जनप्रतिनिधियों सहित जिले के एक प्रधान पर भी अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले में दबाव बनाने का आरोप लगाया। वही सतपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की उपक्रम इन कंपनियों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है। पहले यह कंपनियां जहां विश्व के 57 देशों में काम करती थी अब यह सिमटकर मात्र 27 देशों में रह गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनके साथी सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा देश के अन्य प्रदेशों में भी इनके खिलाफ भ्रष्टाचार मामले उजागर किये गए है।