सूचना केंद्र सभागार में संपन्न हुआ शहीदों की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों का सम्मान समारोह
यही वह जोश है जिसको देखकर पाकिस्तान की लगभग एक लाख की सेना ने भारत की सेना के सामने घुटने टेक दिए थे
झुंझुनू, आज संपूर्ण देश में भारत-पाक युद्ध 1971 में भारत की ऐतिहासिक विजय का पर्व विजय दिवस हर्ष और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। जब सेना और रणबांकुरो की बात आये तो स्वतः ही झुंझुनू की धरती और यहाँ के जवानों के शौर्य का संस्मरण हो जाता है। 1971 के भारत-पाक युद्ध की विजय और बांग्लादेश नाम के नए देश के उदय होने का जोश, जुनून और जज्बा आज भी झुंझुनू के उन रणबांकुरे में देखा गया जिन्होंने इस युद्ध में भाग लिया था। अवसर था झुंझुनू जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस के अवसर पर शहीदों की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों के सम्मान समारोह का। सूचना केंद्र सभागार में संपन्न हुए इस सम्मान समारोह में आए पूर्व सैनिकों के अंदर वह जज्बा आज भी झलक कर सामने आ रहा था। उम्र अधिक होने के बावजूद भी आज भी सम्मान लेते समय उसके सेल्यूट में वही चटखी और जोश दिखाई दिया जो उस समय था। शायद यही वह जोश है जिसको देखकर पाकिस्तान की लगभग एक लाख की सेना ने भारत की सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। जब जब विश्व के इतिहास में शौर्य का वर्णन होगा तो भारतीय सेना का नाम सबसे पहले आएगा क्योकि यही वह सेना है जो एक लाख सैनिको के घुटने टिकाने का माद्दा रखती है। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने भी शिरकत की। इस अवसर पर जिला कलेक्टर यूडी खान ने कहा कि पूर्व सैनिकों और यहां के लोगों में आज भी वही जोश दिखाई दे रहा है और इसे देखकर सीना चौड़ा हो जाता है। झुंझुनू के जवान भावी किसी भी चुनौती का प्रतिउत्तर देने के लिए तैयार है। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों ने उस महायुद्ध की गौरव गाथा के संस्मरण भी उपस्थित लोगो से साझा किए।