आरोप- सूरजगढ़ प्रशासन जनहित की अनदेखी कर किसी के निजी हित के लिए मनमानी कर रहा है
सरकार की जनसुनवाई और रात्रि चौपाल को बताया एक दिखावा
सूरजगढ़, ग्राम काजड़ा में सड़क निर्माण क्षेत्र से मात्र एक व्यक्ति का अतिक्रमण नहीं हटने से सड़क निर्माण कार्य रुका हुआ है। ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सड़क निर्माण क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और अतिक्रमण नहीं हटाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। ग्रामवासी प्रशासन से कई बार अतिक्रमण हटाने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन अतिक्रमण हटाने की बजाय अतिक्रमी के पक्ष में दलीलें दे रहा है। यह प्रकरण कई दिनों से चल रहा है, जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में ग्रामवासी दो बार अतिक्रमण हटाने की शिकायत कर चुके हैं। पहले प्रशासन लीपा-पोती कर रहा था। ग्रामीणों के आरोपों की माने तो अब सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी खुलकर अतिक्रमियों का समर्थन कर रहा है। सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी ऑन ड्यूटी होते हुए एक महीने से कार्यालय से नदारद है और अतिकर्मियों को खुलकर समर्थन कर रहा है। अतिकर्मी नंदकिशोर के अगल-बगल में बहुत से लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है। यहां तक कि 80 वर्ष पुराने मकान भी तोड़े गए हैं। अब नंदकिशोर का अतिक्रमण नहीं हटने से उन लोगों में काफी रोष है। सड़क निर्माण कार्य रुकने की वजह से कई गांवों के लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी हो रही है। सूरजगढ़ से बेरी तक बन रही एमडीआर सड़क निर्माण क्षेत्र से तकरीबन सभी का अतिक्रमण हटा दिया गया है लेकिन ग्राम काजड़ा में नंदकिशोर सैनी का चबूतरा हटाने में प्रशासन आना-कानी कर रहा है। सरकार द्वारा रात्रि चौपाल और जनसुनवाई के लिए कैंपों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों रुपये खर्च होते हैं और लोगों को बेवक्त परेशान किया जाता है। जनसुनवाई एक दिखावा है, जबकि काम तो कार्यालय में बैठकर भी किया जा सकता है। जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में दो बार ग्रामीणों द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाने की शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन अतिक्रमियों के पक्ष में काम कर रहा है। ग्रामीणों ने अतिक्रमण नहीं हटाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। धरना प्रदर्शन में पंडित शिवकुमार शर्मा, भरत नागवान, वैद्य जयप्रकाश स्वामी, मातादीन यादव, बजरंग जांगिड़, नाहर सिंह शेखावत, सुमेर सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, शिवकुमार मारवाल, अनिल कलावटिया, राधेश्याम कुमावत, अमीलाल मेघवाल, प्रताप सिंह तंवर, विनोद सोनी, अशोक मारवाल, संजय गुर्जर, विशाल गुर्जर, अशोक गुर्जर, सुभाष सैन, राजकुमार सैन, मुकेश शेखावत, अशोक कुमावत, प्रेमप्रकाश, विक्रम कुमावत, सुदर्शन शर्मा, श्यामसुंदर शर्मा, संतकुमार सैन, प्रेमलता शर्मा, चंद्रकला शर्मा, पवन शर्मा, बगड़ावत सिंह, अक्षय शर्मा, विकास जांगिड़, नरेश कुमावत, मनजीत सिंह आदि अन्य सैंकड़ों लोग शामिल रहे।