
संसद में यह बोले संसद
दिल्ली/चूरू, आज देशभर में पानी का दोहन किया जा रहा है। मैं राजस्थान से आता हूं, जहां का क्षेत्रफल 3,43,000 वर्ग किलोमीटर है। देश की 10% जमीन अकेले राजस्थान के पास है, लेकिन पानी सिर्फ 1% है। राजस्थान में 180 लाख हेक्टेयर जमीन खेती लायक है, लेकिन 50% जमीन पर सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। हमारा क्षेत्र मरूस्थल वाला रहा है, हमेशा पानी की कमी रही, इस कारण हमारी निर्भरता वर्षा जल संचयन पर रही है।
- राजस्थान के चुरू में खारे पानी की समस्या है
- बीकानेर में TDS लेवल हाई है
- नागौर में अकाल की स्थिति बनी रहती है
- सीकर, झुंझुनू में ग्राउंड वॉटर का Over-extraction किया गया है
- गंगानगर में वॉटर सीवेज की बड़ी समस्या है
लेकिन आज मैं उस 1,200 बिलियन क्यूबिक मीटर बारिश के पानी की बात करना चाहता हूं, जो नदियों के जरिए समुद्र में चला जाता है। अगर इस पानी का 5% हिस्सा टैप कर लिया जाए तो राजस्थान के 1 करोड़ हेक्टेयर जमीन में सिंचाई के लिए इस्तेमाल में आ सकता है। राजस्थान में पानी न पीने के लिए है, न सिंचाई के लिए.. लेकिन इतना जरूर है कि राजस्थान में पानी अब आंखों में आ गया है।