संविधान की मूल प्रति आकर्षण का केंद्र
झुंझुनूं, विश्व पुस्तक दिवस पर झुंझुनूं के गांधी चौक स्थित राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय में शनिवार को 3 दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। इस मौेके विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। पुस्तकालयध्यक्ष द्वारिका प्रसाद सैनी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह ने की, वहीं मुख्य अतिथि महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला रहे। मुख्य अतिथि विप्लव न्यौला ने पुस्तकों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि भौतिक रूप से पुस्तकें पढ़ने में जो आनंद की अनुभूति होती है, वह अन्य माध्यमों में नहीं होती। जिला जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह ने आरपीएससी के पूर्व चैयरमेन डॉ. आर.डी. सैनी द्वारा लिखित पुस्तक ‘किताब’ का जिक्र करते हुए बताया कि एक किताब मनुष्य के पूरे जीवन को परिवर्तित कर उसे आला मुकाम तक पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्रा होती हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं सेवानिवृत कॉलेज प्राचार्य विजय कुमार शर्मा, लॉयन्स क्लब अध्यक्ष भागीरथ जांगिड़, ने कहा कि पुस्तकें किसी के साथ भेदभाव नहीं करतीं। इस दौरान सरस्वती पूजन भी किया गया। इस मौके पर सुभाष चंद्र शर्मा, दयाशंकर सहारण, रामावतार जांगिड़, राजेंद्र प्रसाद शर्मा समेत पुस्तकालय के पाठकगण मौजूद रहे।
संविधान की मूल प्रति आकर्षण का केंद्र:
प्रदर्शनी में अनेक पुस्तकें रखी गई हैं, जिनमें महापुरूषों की जीवनियां समेत शोधपरक पुस्तकें भी हैं। प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र संविधान की मूल प्रति रही, जिसे देखने और पढ़ने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। गौरतलब है कि संविधान की मूल प्रति केवल 2 हजार ही छापी गई थीं, इनमें से एक झुंझुनूं पुस्तकालय में है। इसके अलावा शब्द वेद, गुरूग्रंथ साहिब इत्यादि को देखने और पढ़ने के लिए भी लोगों में आकर्षण रहा।