पदम भूषण अंतररराष्ट्रीय खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया ने किया विद्यार्थियों से संवाद
व्यक्तित्व विकास व सफलता का मंत्र देते हुए किया मार्गदर्शन
चूरू, पदम भूषण अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया ने कहा है कि युवा अच्छी आदतों को शामिल करते हुए को व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें तो उनके लक्ष्य व सफलता की राह आसान हो जाती है। झाझड़िया ने लाखाऊ के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए मार्गदर्शन किया। उन्होंने विद्यार्थियों से सफलता का मंत्र साझा करते हुए कहा कि अपने स्वभाव में अच्छी आदतों को शामिल करने से बेहतरीन व्यक्तित्व विकास संभव है। पिछले दिनों में नियमित व्यायाम व आउटडोर खेलों का प्रचलन कम हुआ है। हमें अपनी संस्कृति को संजोते हुए नियमित खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेलों से व्यक्ति को ताजगी रहती है, जिससे किसी भी कार्य में रूचि स्वाभाविक ही बढ़ जाती है तथा रूचि लेकर किए गए कार्य में सफलता की संभावना शत प्रतिशत हो जाती है।
रोज अध्ययन व प्रैक्टिस की आदत डालें
झाझड़िया ने युवाओं व विद्यार्थियों से कहा कि खेल के साथ -साथ नियमित अध्ययन भी आवश्यक है। खेल हो चाहे एकेडमिक्स, श्रेष्ठ भविष्य के लिए नियमित प्रैक्टिस की आदत डालें। रूपरेखा बनाकर स्वयं को संयमित करते हुए मनोयोग से अच्छी आदतों का विकास आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एकेडमिक्स में यदि कुछ कमियां रह भी जाती हैं तो उन्हें अतिरिक्त समय देकर सुधारा जा सकता है। परन्तु खेल में बिना अभ्यास बिताया गया समय व्यर्थ हो जाता है। मैदान पर नियमित अभ्यास ही एकमात्र सुधार का तरीका है।
खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए शारीरिक शिक्षक की सराहना
ग्रामवासियों व विद्यालय स्टाफ ने गांव के खिलाड़ियों की राज्य स्तर व नेशनल स्तर पर खेल क्षेत्र में मेडल प्राप्त करने व प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रतिभाओं के बारे में बताया तो झाझड़िया ने विद्यालय की प्रतिभाओं को तराशने के लिए विद्यालय के शारीरिक शिक्षक विजय सिंह भाम्भू के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि असली विजेता कोच ही होता है। एक कोच की भूमिका जीवन को सार्थक बनाती है। एक शारीरिक शिक्षक के द्वारा ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं को तराशने का काम देश सेवा व कर्तव्य का शत प्रतिशत निर्वहन है।
सहायक निदेशक (जनसम्पर्क) कुमार अजय ने संबोधित करते हुए कहा कि किताबें ही इंसान की सबसे अच्छी मित्र हैं। नियमित अध्ययन व्यक्ति को अपडेट तो रखता ही है। साथ ही उसके आईक्यू को भी शॉर्प करता है। अखवारों व किताबों का नियमित अध्ययन व्यक्ति की तर्कक्षमता व सोचने की शक्ति को मजबूत बनाता है।
इस दौरान उप प्रधानाचार्य दलीप सिंह शेखावत, संजय दर्जी, कादिर हुसैन, बीरबल नोखवाल, अरविंद झाझड़िया, सीमा पूनियां, एकता फगेड़िया, होशियार चंद्र सारस्वत, विनोद कुमार बजाड़, हनुमान प्रसाद शर्मा, विनोद कुमार चौधरी, ओम प्रकाश कस्वां, ततहीर जहां, ममता दर्जी, विनोद कुमारी, वंदना, सोना पारीक, शायर कंवर, रमेश कुमार धुआं, राजवीर सिंह , सौरभ नेहरा, जतिन सचदेवा, विशाल वर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे।