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शक्तिपीठ मां शाकंभरी के दरबार में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ में 1 लाख 51 हजार आहुतियां दी

शाकंभरी धाम में तृतीया तिथि के बढ़ने से 10 दिन तक चलेगा सहस्त्रचंडी महायज्ञ

प्रकट नवरात्र से अधिक शीघ्र फलदायी होता है गुप्त नवरात्र – विक्रम शास्त्री

उदयपुरवाटी, कस्बे के निकटवर्ती अरावली की वादियों में स्थित शक्तिपीठ मां शाकंभरी के दरबार में आषाढ़ मास की प्रतिपदा से चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ में मंगलवार तक 1 लाख 51 हजार आहुतियां दी गई। मां शाकंभरी सेवा समिति के तत्वाधान में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम परवान चढ़ने लगा है। 9 कुंडीय सहस्त्रचंडी महायज्ञ में भक्तों का आवागमन दिनभर जारी रहता है। महिलाएं व पुरूष फैरी लगाकर भण्डारे में प्रसादी ग्रहण करते है। यज्ञाचार्य पं. विक्रम शास्त्री श्रीमाधोपूर ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार चैत्र एवं शारदीय नवरात्र को प्राकट्य रूप में मानते हैं। जबकि आषाढ़ में माघ मास के नवरात्र गुप्त रूप में मनाए जाते है। प्रकट नवरात्रि से अधिक गुप्त नवरात्र शीघ्र फलदायी होते हैं। साधकों द्वारा गुप्त नवरात्रों में तांत्रिक साधना, मंत्र साधना, यंत्र सिद्धि आदि करना सुलभ एवं श्रेष्ठ होता है। गोपनीय एवं गुप्त रूप से भगवती की पूजा अर्चना विशेष सावधानी के साथ की जाती है। गुप्त नवरात्री में महाकाली, तारा, छिन्न मस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी सहित इन 10 महाविद्याओं की पूजा अर्चना करने वाले व्यक्ति भय रोग दोष से मुक्त होकर धन-धान्य से समृद्ध होता है। साथ ही धन लक्ष्मी निरोगता एवं वंश वृद्धि को प्राप्त कर त्रि-ऋण से मुक्त होता है। महायज्ञ में मंगलवार को दैनिक यजमानों के अलावा अनिल अग्रवाल परतवाडा महाराष्ट्र, सीकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विष्णू चेतानी नीमकाथाना, पूर्व कुलपति लोकेश सिंह शेखावत, रामजीवन शाह, डॉ. संदीप गुप्ता, शिक्षाविद्द सुशील रामुका, रामस्वरूप सैनी, गिरधारीलाल राठी, सतीश मिश्रा, महाबीर सैनी सहित मां शाकंभरी सेवा समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। इधर शाकंभरी सकराय धाम परिसर में पुलिस प्रशासन की तरफ से चौकी प्रभारी अनिल मीणा मय पुलिस जाप्ते के नवरात्र में विशेष शाकम्भरी माता मंदिर व महायज्ञ स्थल पर चांक-चौबंद रहते है।

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