आम जनता को मिलने वाली नियमित वितीय सहायता में हुई देरी
झुंझुनूं, जिले में लॉक डाउन के कारण गत एक माह से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अन्य योजनाओं से आम जनता को मिलने वाली नियमित वितीय सहायता में देरी हुई है। भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा जारी डेड लाइन के तहत शौचालय से वंचित आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 31 मार्च 2020 तक प्रत्येक को 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जानी थी। जिले में उक्त तिथि तक 30 हजार 500 लोगों ने शौचालय पूर्ण करवा लिये, परन्तु ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों की ड्यूटी सर्वे तथा खाद्य सामग्री वितरण में लगा दिये जाने के कारण गत एक महीने के दौरान केवल 4000 परिवारों को ही शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान किया जा सका है। जिले के 26 हजार परिवार अभी भी शौचालयों के एकमुस्त भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। जिले के विधायकगण द्वारा की गई अभिशंषा के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं द्वारा 3 करोड़ रुपये की खाद्य सामग्री वितरित की जानी है। इसके लिये पात्र लोगों को ढूंढ़कर पारदर्शी तरीके से वितरण करना स्थानीय कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। इसके चलते जिले के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को नरेगा योजना में दिया जाने वाला रोजगार, तथा शौचालयों के पूर्णता प्रमाण पत्र तथा शौचालयों का 32 करोड़ के भुगतान की कार्यवाही प्रभावित हुई है। जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी विकास अधिकारियों तथा ग्राम पंचायतों के सचिवों को पाबंद किया गया है कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत पूर्ण हुए 26000 शौचालयों का सत्यापन कर अप्रैल के अंत तक 32 करोड़ राशि का शत प्रतिशत भुगतान करावें।