गत वर्ष 2022 में 2.91 लाख बच्चों की हुई स्क्रीनिंग
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से ग्रसित बच्चों को मिल रहा है नया जीवन
सीकर, चिकित्सा विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से पीड़ित बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत विभाग की 16 टीमें कार्यरत हैं। प्रत्येक ब्लाॅक में दो-दो टीमें लगी हैं, जो जिले के आंगनबाडी केन्द्र, सरकारी स्कूल व मदरसों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग करती हैं। इस दौरान जन्मात विकृतियों व बीमारियों से पीड़ित पाए जाने वाले बच्चों को उपचार के लिए उच्च संस्थान में भेजकर उनका इलाज कराने के साथ साथ उनके स्वास्थ्य की लगातार जांच करती हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ निर्मल सिंह ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 साल तक के बच्चों को निशुल्क उपचार मुहैया करवाया जाता है। हदय रोग, कटे फटे होंठ, मुड़े हुए पैर व कान की बीमारियां सहित करीब 40 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान कर उनका उपचार करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि आरबीएसके तहत कार्यरत टीमों द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों, सरकारी स्कूलों व मदरसों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की जाती है। स्क्रीनिंग में जो बच्चें बीमार पाए जाते हैं उनको इलाज के पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल व मेडिकल काॅलेज तक रैफर करने के साथ उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। आॅपरेशन व उपचार के बाद भी बच्चे के स्वास्थ्य पर टीमों द्वारा लगातार नजर रखी जाती है, जब तक कि बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ न हो जाएं। उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारियों से पीडित बच्चों का एसएमएस मेडिकल काॅलेज के साथ साथ नारायण हदयालय, फोर्टीज, मणिपाल, सीकेएस जैसे प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करवाया जाता है।
सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने बताया कि गत वर्ष 2022-23 मंे अप्रेल से मार्च तक 2116 आंगनबाडी केन्द्रों, 1935 सरकारी स्कूल और 95 मदरसों के 2 लाख 91 हजार 336 लाख बच्चों की टीमों द्वारा स्क्रीनिंग की गई। वहीं 17 हजार 655 बच्चों को उपचार के लिए रैफर किया गया। इनमें से 16 हजार 124 बच्चों का उपचार करवाया गया।
इसके अलावा गंभीर बीमारियों से ग्रसित पाए गए 84 बच्चों के आॅपरेशन करवाए गए। हदय रोग से ग्रसित 41, कटे फटे तालू व होंठ के 13, मुडे हुए पैर के चार और कान की बीमारी से पीडित पाए गए नौ तथा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित पाए गए 17 बच्चों के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आॅपरेशन करवाए गए है। इन सभी बच्चों के स्वास्थ्य पर टीमों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है।
केस एक
जयपुर के प्राइवेट अस्पताल में कृष्णा के तालू का हुआ आॅपरेशन
जिले के फतेहपुर क्षेत्र के गांव खोटिया की रहने वाली दो साल की कृष्णा कंवर का तालू कट हुआ था। इस वजह से वह खाना भी ढंग से नहीं खा पाती थी। इस वजह से बहुत कमजोर थी और परिजन भी भविष्य को लेकर चिंतित थे। इस दौरान आरबीएसके तहत फतेहपुर में कार्यरत टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर जाकर इसकी स्क्रीनिंग की और इलाज के लिए रैफर किया। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से जयपुर के अभिषेक हाॅस्पिटल में 28 मार्च 2023 को कृष्णा का निशुल्क आॅपरेशन हुआ है और वह स्वस्थ है।
केस दो
अश्वनी के मुडे हुए पैर का हुआ निशुल्क आॅपरेशन
जिले के दांतारामगढ क्षेत्र के गांव गोगावास का रहने वाला चार साल का मासूम अश्वनी का पैर जन्म के समय से ही मुडा हुआ था। इस कारण वह ढंग से चल फिर भी नहीं पाता था और चलने में उसे खासा दिक्कत होती थी। आरबीएसके की टीम ने स्क्रीनिंग कर उसे इलाज कराने के लिए उच्च संस्थान में रैफर किया गया। परिजन उसे लेकर सीकर जिला मुख्यालय पर आए। यहां चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अश्वनी का सीकर के ढाका हाॅस्पिटल में आॅपरेशन करवाया।