शिक्षा विभाग के अधिकारी और व्याख्याता से जुड़ा है मामला
झुंझुनू, हाल ही में झुंझुनू दौरे पर आई संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी को ओजटू में आयोजित रात्रि चौपाल में भाजपा नेता बबलू चौधरी के लेटरहेड पर लिखित रूप में प्रधानाचार्या,बालिका स्कूल-मुकुन्दगढ के प्रताड़ित प्रकरण के मामले में शिकायत की गई। शिकायती ज्ञापन में उर्मिला चौधरी उपनिदेशक स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर और परमेंद्र कुल्हार, व्याख्याता डाइट से जुड़े मामले में कार्यवाही करने की मांग की गई है। ज्ञापन में बताया कि उर्मिला चौधरी उपनिदेशक स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर झुंझुनू जिले की प्रभारी भी है उसने पिछले चार-पांच महीनो से जिले में मनमर्जी चला रखी है। उसने डाइट में कार्यरत व्याख्याता परमेंद्र कुल्हार को पिछले तीन-चार महीनों में लगातार जयपुर में प्रतिनियुक्त करवा कर उसे फर्जी उपस्थिति प्रमाण पत्र देता है परमेंद्र कुल्हार कभी कभार जयपुर जाकर हस्ताक्षर करता है बाकी यही झुंझुनू जिले में ही घूमता रहता है वह पिछले 5 साल तक समसा झुंझुनू में PO पद पर निर्धारित कार्यकाल से भी अधिक कार्यरत रहा तथा जब सरकार जाने का समय आया तो तत्कालीन मंत्री विजेंद्र की डिजायर करवा कर बिना पद के ही डाइट झुन्झनू में स्थानांतरण करवा लिया। वह अपनी राजनीतिक पहुंच कि धौंस दिखाकर डाइट में स्टाफ और प्रिंसिपल को भी धमकता रहता है जो कुछ नहीं बोलते।
डाइट कार्यालय में अपना स्वयं का एक बहुत बड़ा ऑफिस बना रखा है जो की प्रिंसिपल की ऑफिस से भी ज्यादा सुसज्जित है तथा वहां पर वह अपनी राजनीतिक व शिक्षक संगठन की गतिविधियां चलाता है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की उपनिदेशक उर्मिला चौधरी से मिली भगत कर जब-जब वह झुंझुनू के दौरे पर आती है तो फर्जी तरीके से उसके साथ रहता है तथा ब्लॉक स्तर पर सीबीओ, एसीबीईओ, संस्था प्रथानों का अध्यापकों को टारगेट कर धमकाते हैं। जिला स्तर पर मीटिंग कर सीडीइओ, डीईओ, एडीईओ सहित अधिकारियों को धमकाते है सीधी जयपुर से कार्रवाई करवाने की धमकी देती है इसके अलावा परमेन्द्र कुल्हार व्यक्तिगत रंजिश रखते हुए कई विद्यालयों में ले जाता है जहां पर संस्था प्रधानों स्टाफ को धमकाता है। स्वयं भी रिकॉर्ड का निरीक्षण करने के बहाने डांट लगाता है तथा रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर भी कर देता है पिछले तीन-चार महीनों में वह लगातार परिषद के आदेशों से जयपुर ही प्रतिनियुक्त रहता है तथा झुंझुनू में घूमता रहता है। उसमें भी विशेष बात यह है कि कुछ आदेश तो उपनिदेशक उर्मिला चौधरी ने अपने हस्ताक्षर से जारी कर उसकी प्रतिनियुक्त कर दिया जबकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। उससे ऊपर परिषद में अनेक आर एस अधिकारी व आईएस एसपीडी होते हैं उसके वावजूद उसने अपने हस्ताक्षर से जारी कर दिए। अन्य आदेश व अधिकारियों को गुमराह कर उनसे करवा लेती है तथा सारे उपस्थिति प्रमाण पत्र वह खुद के हस्ताक्षरों से जारी कर देती है।
गत 6 फरवरी 2024 को उन दोनों के द्वारा मीनाक्षी तंवर प्रधानाचार्य राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मुकुंदगढ़ को उसके विद्यालय में जाकर डराना धमकाना प्रताड़ित करना अपमानित करना किया गया। उनकी शिकायत प्रधानाचार्य व स्टाफ द्वारा जिला कलेक्टर को करने पर जिला कलेक्टर ने एसडीएम से जांच करवाई तथा इन दोनों को दोषी माना। इस प्रकरण पर तथा इसकी जांच के संबंध में मीडिया में भी खूब समाचार प्रकाशित हुए है। शिकायतकर्ता ने उर्मिला चौधरी को जिला प्रभारी पद से हटाने की मांग की थी लेकिन उसके वावजूद उसको अब तक जिला प्रभारी से नहीं हटाया गया है बल्कि उसने अपनी धौंस दिखाते हुए शिकायत और जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद फिर लगातार परमेंद्र कुल्हार को परिषद में प्रतिनियुक्त करना जारी रखा है तथा अभी जब-जब झुंझुनू आती है तो उस परमेन्द्र कुल्हार को अनाधिकृत रूप से साथ रखती है। जिला कलेक्टर द्वारा करवाई जा रही जांच के दौरान तथा उसके बाद परिषद द्वारा भी जांच का आदेश देने पर इन दोनों ने अपनी राज्य स्तरीय पहुंच व जिले का प्रभारी होने का प्रभाव दिखाते हुए जांच को प्रभावित किया।
दो पृष्ठ के सौंपे गए शिकायती ज्ञापन के साथ अन्य दस्तावेज भी सलग्न करके संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी को करवाई के लिए सौंपे गए है। अब देखने वाली बात है कि उच्च स्तर से इस पुरे मामले पर क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने वाली बात है।