नीमकाथाना में पानी-बिजली की आपूर्ति तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के निर्देश
नीमकाथाना, जिले के प्रभारी सचिव इंद्रजीत सिंह ने गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में नीमकाथाना में पानी-बिजली की आपूर्ति तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने राज्य सरकार के बजट वर्ष 2024-25 में की गई घोषणाओं पर भी चर्चा की और इन घोषणाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए स्थानीय स्तर पर कार्य योजना बनाने का सुझाव दिया। सिंह ने जिला कलक्टर शरद मेहरा की उपस्थिति में कहा कि पीने के लिए स्वच्छ पानी और बिजली की नियमित आपूर्ति के साथ ही वर्षा के मौसम में आम लोगों का बीमारियों से बचाव, साफ-सफाई आदि पर राज्य सरकार का फोकस है। उन्होंने इस संबंध में निम्नलिखित निर्देश दिए:
जल जीवन मिशन के तहत जिले के 5,846 अतिरिक्त गांवों को सतही स्रोत से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु इन्दिरा गांधी नहर वृहद पेयजल परियोजनाओं के लिए डीपीआर जल्द तैयार कर अनुमोदन करवाया जाए।
शहरी क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु अमृत 2.0 योजना, शहरी जल योजना श्रीमाधोपुर (नीमकाथाना) के पुनर्गठन का कार्य पूरा किया जाए।
स्थानीय स्तर पर पेयजल हेतु विधानसभा क्षेत्रों में आगामी 2 वर्षों में 20-20 हैण्डपम्प तथा 10-10 नलकूप निर्माण के प्रस्ताव भिजवाए जाएं।
पीएम सूर्य घर योजना और कुसुम योजना और आदर्श सौर ग्राम योजना के क्रियान्वयन के साथ ही राजकीय कार्यालयों और भवनों को सौर ऊर्जा से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव भी तैयार किए जाएं।
जिले के क्रमोन्नत चिकित्सा संस्थानों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और हर विधान सभा क्षेत्र में मॉडल सीएचसी बनाने के प्रस्ताव लेकर निदेशालय भिजवाएं।
मां योजना हेतु सोनोग्राफी सेन्टरों की नियमित रूप से निगरानी की जाए। जिला चिकित्सालय, नीमकाथाना और उप जिला चिकित्सालय खेतड़ी का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
पूर्व में संचालित राजकीय ब्लॉक आयुष चिकित्सालय नीमकाथाना को जिला आयुष चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने का कार्य जल्द पूरा किया जाए।
जिले में विभिन्न स्तर पर चल रहे सभी सड़क निर्माण कार्यों को समय पर पूरा किया जाए।
‘लखपति दीदी योजना’ से संबंधित लाभांवितों, कार्मिकों, अधिकारियों तथा बैंक प्रतिनिधि की जिला कलक्टर की अध्यक्षता में साप्ताहिक मीटिंग की जाए। इससे बैंक ऋण योजनाओं से अधिकाधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा सकेगा।
मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व को इको टूरिज्म साइट के रूप में विकसित करने के लिए जिला कलक्टर के माध्यम से वन विभाग को पत्र भेजा जाए।
वन विभाग अपने क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को तलाश कर आमजन के बीच पर्यटन के लिए प्रोत्साहित करे।
एक पेड़ मां के नाम अभियान एवं मुख्यमंत्री द्वारा वृक्षारोपण महाअभियान के माध्यम से जिला नीमकाथाना में पौधारोपण के साथ ही महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से नर्सरियों को विकसित करवाएं तथा जिले में ‘मातृ वन’ की स्थापना करें।
पौधों का समुचित संरक्षण और पालन करने के लिए ‘वन मित्र’ की नियुक्ति करना सुनिश्चित करें।