चुरूताजा खबर

अरे मुर्ख जनक जन्दी बतला इस धनुवा को किसने तोड़ा है, किसने इस भरे स्वयंवर से सीता से नाता जोड़ा है …

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] अरे मुर्ख जनकस जन्दी बतला इस धनुवा को किसने तोड़ा है किसने इस भरे स्वयंवर से सीता से नाता जोड़ा है। जल्दी उसकी सुरत दिखला वरना चौपट कर डालूंगा जितना पृथ्वी पर राज है तेरा, सब उलट पुलट कर डालूंगा। अवसर था चूरू रोड़ स्थित चौथूराम शिवभगवान कम्मा के नोहरे में चल रही जनता रामलीला के दौरान सीता स्वयंवर के दृश्य का। लीला के निदेशक मयंक ताम्रायत ने बताया कि शनिवार की लीला में दशरथ दरबार, ताड़का वध, विश्वामित्र का आश्रम, अहिल्या उद्धार, जनक दरबार, राम लक्ष्मण का जनकपूरी देखना, सीता व सखियों का संवाद, सीता स्वयंबर के दृश्य के दौरान जनक लक्ष्मण संवाद, परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला का मंच्रन किया गया। लीला के अध्यक्ष नन्दलाल दायमा ने बताया कि दशरथ का मुकेश पारीक, जनक का अभिषेक जांगिड़, विश्वामित्र का नरेश शर्मा, वशिष्ठ का नितिन प्रजापत, ताड़का का दयाचंद कम्मा, राम का कमल महर्षि, लक्ष्मण का राकेश कम्मा, सीता का रवि भार्गव, रावण का मयंक ताम्रायत, परशुराम का भरत पीपलवा, भाट राकेश कम्मा आदि के अभिनय ने दर्शकों की खूब तालियां बटौरी। लीला का मंचन प्रदीप कुमार ने किया।

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