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Video News – शेखावाटी में यहाँ पर पांडवों ने की थी मां काली की पूजा

हर्षनाथ मंदिर के समकालीन : जन जन की आस्था का केंद्र है कालिका माता मंदिर

चूरू, [सुभाष प्रजापत ] सिद्धपीठ सालासर बालाजी धाम से रतनगढ़ रोड़ पर लगभग 15 किलोमीटर स्यानण डूंगरी पर मां कालिका का बहुत ही प्राचीन मंदिर है।नवरात्रों में यहां पर मेला भरता है जिसमें राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा व दिल्ली के अलग अलग हिस्सों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं।साथ ही मेले की सम्पूर्ण व्यवस्था श्री कालिका माता सेवा समिति द्वारा की जाती है,यह प्राचीन मंदिर है ऐसी मान्यता है कि माता अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है,जिससे अब यह मंदिर जन जन की आस्था का केंद्र बन रहा है।शैली व स्थापत्य की दृष्टि से यह मंदिर हर्षनाथ के समकालीन माना जाता है,यहाँ भी मूर्तियां खंडित अवस्था मे देखी जा सकती है जो कि विदेशी आक्रमण की याद दिलाती है।श्री कालिका माता मन्दिर समिति की देखरेख में सारी व्यवस्था होती है।समिति अध्यक्ष मदनसिंह राठौड़ ने बताया कि मंदिर लगभग 200 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है,मन्दिर तक पहुंचने के लिये लगभग 105 सीढ़ियां बनाई गई है,मन्दिर बड़े बड़े पत्थरों से चारो और से घिरा हुआ है,जिनपर प्राचीन कला के नमूने भी देखने को मिलते हैं।कहते हैं यहाँ पर पांडवों ने मां काली माता की पूजा की थी,माँ काली ने राक्षसों से पांडवो की रक्षा की थी। उन्होंने बताया कि यह मंदिर 12वी शताब्दी का है, इसमें महाभारत कालीन का उल्लेख भी है।साथ ही अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि मन्दिर में शराब चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि व्यवस्थाओं में व्यवधान नही हो।उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से 32 सीसीटीवी कैमरें मन्दिर परिसर में लगाये गए हैं, सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के अलावा निजी सुरक्षा गार्ड भी लगाए गए हैं। शेखावाटी लाइव के लिए चूरू से सुभाष प्रजापत की रिपोर्ट

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