गोयनका शिक्षा एवं शोध संस्थान में
लक्ष्मणगढ़, [बाबूलाल सैनी ] ग्राम घस्सू में एनएच 52 पर स्थित गोयंनका शिक्षा एवं शोध संस्थान में शनिवार को इस्कॉन मंदिर उदयपुर के वैदिक शिक्षा व योग केंद्र के परियोजना निदेशक आचार्य मदन गोविंद दास द्वारा श्रीमद्भागवत गीता विषयक व्याख्यान दिया गया। यह जानकारी देते हुए एकेडमिक डीन डॉ एन रविंद्रन ने बताया कि आचार्य जी ने संस्थान की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत कार्मिकगण तथा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद के समान सभी बच्चों को बचपन से ही धार्मिक शिक्षा व ईश भक्ति प्रारंभ कर देनी चाहिए तथा पाठ्य विषयों के साथ-साथ श्रीमद् भागवत व भागवत गीता जैसे ग्रंथो का अध्ययन करना चाहिए। जैसे पेड़ का अस्तित्व जड़ से जुड़े रहने तक ही है उसी प्रकार मनुष्य जीवन का अस्तित्व तभी है जब वह भगवान रूपी जड़ से जुड़ा रहेगा । उन्होंने कहा कि कलयुग में अनेक बुराइयां हैं किंतु एक अच्छाई यह भी है कि इस युग में भगवान का नाम लेने मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप व कष्ट नष्ट हो जाते हैं ।आचार्य जी ने उपस्थित श्रोतागण को जीवन में खुश रहने का षोडश अक्षरों का महामंत्र भी बताया। इन्होंने शीघ्र ही पुनः आने तथा उद्बोधित करने का आश्वासन भी दिया।समारोह का संचालन बीएड कॉलेज के सहायक आचार्य राकेश पारीक द्वारा किया गया। समारोह में अकादमिक डीन और फार्मेसी कोलेज प्राचार्य डॉ एन रविंद्रन, बीएड कॉलेज प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ,पब्लिक स्कूल के कार्यवाही प्राचार्य समीर जखोलिया, विभिन्न शाखाओ में कार्यरत प्रवक्तागण, शिक्षक गण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।