धातु निर्मित मांझा का उपयोग एवं विक्रय पर प्रतिबंध
सीकर, जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट मुकुल शर्मा ने आदेश जारी कर जिला सीकर में मकर संक्रान्ति पर्व पर पंतगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा तथा चाईनीज मांझा प्रयुक्त किये जाने लगा है तथा यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विधुत का सुचालक होता है। जिसके उपयोग के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा आकाश में विचरण करने वाले पक्षियों के लिए अत्यधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुँचता हैं एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस समस्या व खतरे के निवारण के लिए आवश्यक है कि धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय निषेद्य किया गया है।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सीकर ने धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में निहित, प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित माझा की थोक व खुदरा बिक्री तथा उपयोग राजस्व जिला सीकर की क्षेत्राधिकारिता में निषेध, प्रतिबंधित किया है। आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति यदि उपरोक्त प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय, उपयोग या परिवहन करेगा तो उसके विरूद्ध उचित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जावेगी। आमजन को भी निषेध किया जाता है कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबन्ध रहेगा।
आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा तथा अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जावेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा।