अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में अग्रसेन धर्मशाला में हुआ सम्मेलन
उदयपुरवाटी, अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में स्थानीय गायत्री परिवार की शाखा के सौजन्य से श्री अग्रसेन धर्मशाला बस स्टैंड परिसर में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार की लीजा रानी, उड़ीसा हिमाचल प्रदेश से सुरभि तथा बिहार से ज्योति कुमारी के आचार्यत्व में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं एक दिवसीय प्रज्ञा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें सर्व समाज के सैकड़ो नागरिकों ने भाग लेकर गायत्री महामंत्र, मृत्युंजय महामंत्र के सामूहिक उच्चारण के साथ महायज्ञ में हजारों आहुतियां देकर लोक शांति एवं देश की खुशहाली के लिए मंगल कामना की। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय केंद्र संचालिका बीके सुनीता बहन, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीनारायण बड़ीवाल, सांवरिया सेठ मंदिर के मनीष महाराज, चिराना से रामावतार अग्रवाल ने वेद माता गायत्री की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। ब्रह्मवादिनी बहनों ने यज्ञ के ज्ञान विज्ञान पर विस्तार से बताते हुए पर्यावरण संवर्धन पर भी चर्चा की। सामाजिक रूढ़िवादिता को दूर भगाने के लिए उपस्थित लोगों से आग्रह किया। कार्यक्रम में ब्रह्मवादिनी बहनों का सुरीला एवं प्रेरणादायक संगीत भी लोगों ने सुना। ब्रह्मवादिनी बहनों का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही बद्री प्रसाद तंवर ने इनका जीवन परिचय कराया स्थानीय गायत्री परिवार के कार्यवाहक बजरंगलाल सोनी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान नीमकाथाना जिला अध्यक्ष कालूराम कटारिया, वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा, सीकर गायत्री परिवार महिला मंडल जिला अध्यक्ष विमला बजाज, नीमकाथाना गायत्री शक्ति पीठ संचालक विष्णु शर्मा, पालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी, विद्या शर्मा, गोपाल पंसारी, रोहित सैनी, भोमाराम सैनी, पूर्व ईओ मालीराम शर्मा, श्रवण कुमार शर्मा, सैनी समाज अध्यक्ष दौलत राम सैनी, दयानंद कुमावत, सुरेंद्र रसगनिया, सुरेश डंडीदार, रामदेव जांगिड़, प्रकाश बागड़ी, श्रवण कुमार शर्मा, प्रहलाद गुर्जर, महावीर सैनी, राजेंद्र गुप्ता, बनवारी लाल सैनी, जगदीश जांगिड़, वीरेंद्र सैनी, रतनलाल टॉक, धनाराम सैनी, किशन लाल कुमावत, गणपत राम, हेमंत कुमार, मूलचंद सैनी, घासीराम सैनी, शंकर लाल सैनी, राजेश सैनी, हरीश दायमा, बाबूलाल कुमावत, सुमित्रा देवी, गीता देवी, मेवा देवी, आशा सैनी सहित सैकड़ो महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।