लायंस क्लब झुंझुनूं के संरक्षक वरिष्ठ सर्जन धरती पर भगवान के रूप में जाने माने एमजेएफ लॉयन डॉक्टर जेसी जैन का सोमवार प्रात: 6:30 बजे स्वर्गवास हो गया। वे रविवार अचानक से कुछ अस्वस्थ हुए थे सोमवार सुबह बात करते करते स्वर्गवास सिधार गए। उनके अंतिम दर्शन के लिए सांय काल 5 बजे कारूंडिया रोड़ स्थित डॉक्टर जैन निवास पर दर्शन किए, दर्शनों के पश्चात उनकी अंतिम यात्रा पिपली चौक के समीप जैन बगीची के लिए प्रस्थान किया। 10 जुलाई 1934 को करौली कस्बें में जन्मे बहु आयामी प्रतिभा के धनी डॉ. जे.सी. जैन सन् 1958 से शेखावाटी अंचल में एक कुशल डॉक्टर व गरीबों के मसीहा के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं। सन 1956 में शानदार शैक्षणिक रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक सहित एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त की एवं लगातार परिश्रम व सफलता प्राप्त करते हुए जनरल सर्जन की डिग्री प्राप्त की। शेखावाटी अंचल में भीष्म पितामह के नाम से विख्यात डॉ. जैन की लोकप्रियता का पूर्ण आधार आपकी कार्यनिष्ठा, ईमानदारी, अनुशासन प्रियता, समयबद्धता एवं कुशल प्रशासन ही है। आपकी सफलता के हर क्षेत्र में आपकी सहधर्मिणी स्व. डॉ. कुन्दलबाला जैन का अविस्मरणीय सहयोग रहा है। अपनी व्यवहार कुशलता के कारण डॉ. कुन्दनबाला ने शेखावाटी की जनता के दिल व दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी है इसीलिए उनका नाम आज भी श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। झुंझुनूं जिले का सौभाग्य है कि आप जैसा उत्कृष्ट डॉक्टर मात्र 10 रु. फीस लेकर पिछले 40 वर्षों से भी ज्यादा से अपनी चिकित्सा सेवायें सभी के लिए उपलब्ध करवा रहे है। तभी तो पूरी शेखावाटी में गरीबों के मसीहा के रुप में जाने जाते हैं तथा सभी की शुभकामनाएं एवं दुआयें सदैव आपके साथ रहती है। एक बार जब आप काफी बीमार हो गये थे तब शहर के नागरिकों ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना ईश्वर से की थी जिसके बलबूते शीघ्र स्वस्थ हुए, ये आपकी निस्वार्थ सेवाओं का ही परिणाम था। वापिस स्वस्थ होने के बाद पुन: गरीबों का इलाज व सेवा प्रारम्भ कर दी जो अभी निरन्तर चल रही है। आज 82 वर्ष की आयु में भी बिना थके प्रतिदिन 8 घंटे कार्य करना आपकी नियति बन चुकी है। वर्तमान में डॉक्टर जैन स्टेशन रोड़ स्थित वरदान मेडीजन पर प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे तक अपनी चिकित्सकीय सेवायें दे रहे हैं जिनमें आउटडोर के साथ-साथ छोटे-मोटे ऑपरेशन भी शामिल है। रविवार को प्रात: 11 से 12 बजे तक आप पंसारी लायन्स अस्पताल बगड़ रोड पर अपनी सेवाएं देते है। लायन्स क्लब झुन्झुनू में चार्टर सदस्य के रूप में 1981 में सदस्यता ग्रहण की। सन् 1983 तक प्रथम उपाध्यक्ष के बाद सन् 1998 तक लगातार 15 वर्ष तक लायन्स क्लब झुन्झुनू के सफ लतम अध्यक्ष रहे। इसी दौरानचार बार शत-प्रतिशत अध्यक्ष पुरस्कार से तथा सन् 1992-93, 94-95 एवं 97-98 में इण्टरनेशनल प्रेसीडेण्ट प्रशस्ति प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। अध्यक्षता व कुशल दिशा निर्देश के कारण ही लायन्स क्लब झुंझुनूं ने सदस्यता वृद्धि, सामाजिक गतिविधियां, सेवा, मैत्री, भ्रातृत्व के दृष्टि कोण से पूरे प्रान्त में एक विशिष्ट पहचान बनाई जो अभी भी कीर्ति स्तम्भ के रूप में कायम है। कुशल नेतृत्व व संरक्षण आज भी लायन्स क्लब झुंझुनूं को प्राप्त है जो अनुकरणीय है एवं अविस्मरणीय है। वर्ष 2000 में अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मेडल फॉर लीडरशिप से भी सम्मानित किया गया। अपने पारिवारिक ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से प्रतिवर्ष लायन्स क्लब के माध्यम से कोई ना कोई सेवा गतिविधि सम्पन्न करवाते रहते है। अब तक लायन्स क्लब द्वारा ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से 11 लाख रुपये भी ज्यादा के सेवा कार्य सम्पन्न करवाये जा चुके है। विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों एवं उत्कृष्ट शिक्षकों को भी प्रतिवर्ष ट्राफी प्रदान कर सम्मानित करते है तथा अन्य सेवा प्रकल्पों में भी सराहनीय योगदान रहता है।