ज्यादा विकल्प, ज्यादा मूल्य, ज्यादा फायदा के लिए ई-ट्रेडिंग ई-नाम से ई-ऑक्शन पर हुई एक जागरुकता सेमीनार में किसानों और व्यापारियों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही। राष्ट्रीय कृषि बाजार की ओर से आयोजित इस सेमीनार में किसानों और व्यापारियों को नाम से होने वाले फायदों के बारे में अवगत करवाया। किसान कैलाशचंद विजयपुरा एवं मुरलीधर रतनपुरा ने बताया कि हमें नगद पेमेंट चाहिए। सुबह से यहां मंडी में भूखे प्यासे हम बोली के लिए बैठे हैं। लेकिन 3 बजे तक भी बोली नहीं लगी। एक ओर फसल पर प्राकृतिक आपदा और पानी की कमी से फसल बहुत कम होती है। बड़े किसानो के लिए ही यह प्रक्रिया फायदेमंद है। राष्ट्रीय कृषि बाजार के राजस्थान प्रभारी अविनाश जैन ने कृषि उत्पादों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पारंपरिक मंडियों को लिंक करते हुए स्थानीय स्तर पर कारोबार को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। जैन ने बताया कि ई-नाम पैदा की गई फसल को बेचने के ज्यादा विकल्प और प्रतिस्पर्धी मुनाफे का किसान से वादा करता है, तो वहीं दूसरी और वित्तीय कारोबार के लिए व्यापक राष्ट्रीय बाजार तक व्यापारी को पहुंच प्रदान करता है। मंडी सेक्रेटरी महेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों को प्रतिस्पर्धी मूल्य दिलाकर लाभ दिलाने की सरकार की मंशा है। किसानों, व्यापारियों को इसके बारे में जानकारी देकर समस्या समाधान करते हुए उनके सुझाव देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था। व्यापार संघ अध्यक्ष पवन कुमार चौधरी ने बताया कि ई-नाम से पेमेंट लेने के लिए को किसान तैयार नहीं है । किसान नगद पेमेंट चाहता है। ई-नाम से ऑक्शन में कई तरह की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए। व्यापार संघ पूर्व अध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि ऑक्शन किसान और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद नहीं है। फसल की गुणवत्ता की जांच किए बिना ही नेट पर फसल के भाव डालकर व्यापारी खरीद कैसे करे।