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Video News – नवलगढ़ सीमेंट फैक्ट्री प्रकरण में किसान को लाखों का नोटिस भेजने पर लगाए सवालिया निशान

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया पुलिस और जिला प्रशासन की सोची समझी साजिश

झुंझुनू, हाल ही में नवलगढ़ के गोठड़ा में श्री सीमेंट फैक्ट्री के प्रकरण में किसान को जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा भेजे गए लाखों रुपए के नोटिस के संदर्भ में आज झुंझुनू में किसान मोर्चा ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। संयुक्त किसान मोर्चे के प्रवक्ता रामचंद्र कुलहरि और एडवोकेट फूलचंद बर्बर ने इसे पुलिस और जिला प्रशासन की सोची समझी साजिश बताया और साथ उनका कहना था कि यह मामला किसी एक किसान के खिलाफ नहीं है बल्कि पूरे किसान आंदोलन को चेतावनी है कि कल को कोई भी किसान आंदोलन करेंगे तो उनके खिलाफ भी ऐसा ही हो सकता है। हम इस नोटिस को वापस लेने की मांग करते हैं यदि ऐसा नहीं किया गया तो सड़कों पर आकर आंदोलन किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कामरेड फूलचंद ढेवा की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट पर एक दिवसीय धरना दिया गया । धरने में अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, राजस्थान किसान सभा, जय किसान आंदोलन के कार्यकर्ता शामिल थे। धरने की तरफ से राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को 12 सुत्री मांग पत्र दिया गया जिसमें किसान संगठनों से वार्ता कर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर दमन बंद करने,नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करने, राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लेने, सभी किसान संगठनों से वार्ता कर 9 दिसंबर 2021 के पत्र में सहमति के अनुसार सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने, बिजली का नीजिकरण बंद करने, स्मार्ट मीटर लगाना बंद करने, टुकङों टुकङों में ठेकाकरण की मुहीम बंद करने, सन् 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों के खेतों में लगाये जा रहे उच्च क्षमता के टावरों के तथा उच्च क्षमता की विद्युत लाइनों से तबाह हो का खेतों का मुआवजा देने, बसावा के किसान विधाधर यादव को पुलिस प्रशासन द्वारा दिये गये लगभग दस लाख रुपए के वसूली नोटिस को वापिस लेने,मंदिर माफी की कृषि भूमि पर काबिज किसानों को मुआवजा देने, ओलावृष्टि व शीत प्रकोप से नष्ट हुई रबी 2022-23 की फसलों के मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा देने, इसके लिए संबंधित कार्यवाई के लिए पटवारियों को पाबंद करने, दुग्ध उत्पादक किसानों को गाय के दुग्ध का 70 रुपए प्रति लीटर व भैंस के दुग्ध का 90 रुपए प्रति लीटर देने, प्रधानमंत्री फसल बीमा में किसान के हित में नीति बनाने, खेत को इकाई मानकर फसल के नुकसान का मुआवजा देने, झुंझुंनू जिले में सन् 1994 के समझौते के मुताबिक यमुना नहर का पानी शीघ्र लाने आदि मांगे शामिल थी । शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू

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