कोरोना महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी के संकट से निपटने के लिये
झुंझुनूं, जिले में कोरोना महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी के संकट से निपटने के लिये महात्मा गांधी नरेगा योजना में मई माह के अंत तक जिले के 30 हजार परिवारों को रोजगार देने का लक्ष्य पूर्ण होने के नजदीक है। सीईओ निर्देश पर मई के प्रथम पखवाड़े को रोजगार पखवाड़े के रूप में लक्षित किया गया तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रतिदिन कम से कम 100 परिवारों को रोजगार देने का लक्ष्य दिया गया। मस्टररोल जारी होने की ऑनलाइन सूचना के अनुसार 15 मई तक जिले में 22 हजार लोगों को नरेगा कामो पर नियोजित किया गया है। रोजगार की मांग के अनुरूप 1000 नये कामों की स्वीकृतियाँ जारी करने का भी रोजगार पखवाड़े का लक्ष्य रखा गया, जिसके विरुद्ध गत एक सप्ताह के दौरान जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा 540 व्यक्तिगत लाभ के कामों सहित कुल 22 करोड़ की लागत के 712 काम स्वीकृत किये गये है। जिला परिषद द्वारा इस साल व्यक्तिगत लाभ के कामों को प्राथमिकता देते हुए जून के अंत तक 30 हजार परिवारों को उनके खेतों में ही पेयजल टांका निर्माण, मेड़बंदी, वृक्षारोपण, पशुशेड निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर आगामी दो साल में 800 करोड़ राशि खर्च होने का आकलन है। सामुदायिक कामो में परम्परागत जोहड़ खुदाई के नाम पर मिट्टी इधर उधर करने के बजाय ग्रामीण सड़कों का निर्माण, पुरानी सड़को की मरम्मत, सड़क किनारे वृक्षारोपण, रास्ता दुरुस्ती, खेल मैदान, श्मशान, कब्रिस्तान का विकास के कार्यो को प्राथमिकता दी गई है। रोजगार पखवाड़े में गत 15 दिनों में इस श्रेणी के 12 करोड़ लागत के 267 काम स्वीकृत किये गए हैं। जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट का कहना है कि अगले एक माह में प्रत्येक पंचायत क्षेत्र में कम से कम 50 नये कार्य स्वीकृत किये जाकर प्रतिदिन प्रति पंचायत 200 लोगों तक को रोजगार के अवसर दिये जायेंगे।