जिला परिषद के द्वारा
झुंझुनूं, लॉकडाउन के दौरान तथा बाद में जिले में बाहर से आये 40 हजार लोगों में से 28 हजार लोग ग्रामीण क्षेत्रों के है। 14 दिन के होम आइसोलेशन या संस्थागत क्वारंटाइन के बाद इनके रोजगार की आवश्यकता का आंकलन कर जिला परिषद ने इन्हें घर के आसपास ही साल में 100 दिन का रोजगार देने का प्लान बनाया है। जिन लोगों के पास एक बीघा भी खेती की जमीन है तो उन्हें अपने खेत व घर मे कुण्ड निर्माण कर वृक्षारोपण करने, खेत के चारों और मिट्टी या सूखे पत्थरों की दीवार या मेड़बन्दी करने के लिए 3 लाख तक के कार्यो की स्वीकृतियां नरेगा योजना में की जा रही है। गत एक माह के दौरान जिला परिषद द्वारा 54 करोड़ की लागत से इस प्रकार के 1800 कार्य स्वीकृत किये गये है। मानसून से पूर्व इस प्रकार के जरूरत मंद परिवारों के लिये 20 हजार कार्य स्वीकृत कर एक लाख लोगो को अपने खेत मे जलसंग्रहण तथा हरियाली पैदा कर रोजगार देने का लक्ष्य लिया गया है। सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों, अभियंताओं तथा विकास अधिकारियों को प्राथमिकता से निजी लाभ के कार्यों के तकमीने तैयार करने के निर्देश दिये गये है।