महात्मा गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में
श्रीमाधोपुर(महेंद्र खडोलिया) कस्बे के महात्मा गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पर्यावरण मानव स्वास्थ्य एवं जैव विविधता विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार की शुरुआत महाविद्यालय के निदेशक मोहर सिंह खर्रा के स्वागत भाषण से शुरू हुई। विज्ञान संकाय प्रभारी विरेंद्र यादव ने बताया कि इस वेबीनार के मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व कुलपति डॉ. ए.डी. सावंत, आर.आई.पी.ए. जयपुर के प्रोफेसर डॉ रिपुंजय सिंह, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रोफेसर डॉ गोवर्धन दास, गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद के प्रोफेसर डॉ. आर.जे. वर्मा, राजस्थान विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर व महाराजा कॉलेज, जयपुर के उपप्राचार्य डॉक्टर पी.सी. माली, एस.आर.टी.एम. विश्वविद्यालय, नांदेड़ (महाराष्ट्र) के डॉ. गजानन बी.जोर, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऋषिकेश मीणा थे। प्रोफेसर ए.डी. सावंत ने बताया कि मानव स्वास्थ्य पर और पर्यावरण पर लाभदायक या हानिकारक दोनों ही प्रकार के प्रभाव पड़े हैं। जिस प्रकार से इस वायरस के कारण पूरे विश्व में लॉकडाउन हुआ है। विभिन्न उद्योग यातायात बंद हुए हैं। कार्बन का उत्सर्जन काफी कम हो गया है और पर्यावरण बिल्कुल साफ हो गया। पर्यावरण को इस वायरस के कारण काफी फायदा पहुंचा है। मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी इस वायरस के लाभदायक एवं हानिकारक दोनों प्रभाव पड़े हैं। इसकी कोई वैक्सीन नहीं है वैक्सीन की ट्रायल जारी है। प्रोफ़ेसर रिपुंजय सिंह ने बताया कि इस कोविड-19 के कारण मनुष्य में काफी अधिक तनाव देखा गया। अतः लोगों से भावात्मक रूप से जुड़े रहे व मास्क लगाने पर जोर दिया तथा बताया कि तनाव किसी भी स्थिति में खतरे की प्रतिक्रिया है। प्रोफेसर गोवर्धन दास ने भारत सरकार के साथ वैक्सीन बनाने के लिए की गई बात की जानकारी साझा की। प्रोफेसर आर.जे. वर्मा ने बताया कि यदि मनुष्य नियमित रूप से योगा करें तो उसमें इम्यूनिटी की क्षमता बढ़ेगी। डॉ. पी.सी. माली ने बताया कि इस वायरस की उत्पत्ति के बारे में उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस ने सभी जीव जंतुओं का जनजीवन प्रभावित किया है। डॉ. गजानन बी.जोर ने बताया कि इस कोविड-19 के कारण उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार से भविष्य में हम एक अच्छी रणनीति बनाकर इस कोरोनावायरस से लड़ सकते हैं। डॉ ऋषिकेश मीणा ने पर्यावरण व जैव विविधता पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बताया उन्होंने बताया कि कोविड-19 वन्यजीवों के लिए एक अच्छी सौगात लेकर आया है। क्योंकि इसके कारण वन्यजीवों को यातायात के साधनों व पर्यटकों के कारण होने वाली असुविधाएं नहीं हुई और वह बिना किसी बाधा के अपना जीवन यापन करने लग गए। इस वेबीनार में देश विदेश के 945 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया तथा 491 प्रतिभागी जूम एप के द्वारा जुड़े। इस वेबीनार में नाइजीरिया , कैमरुन, जर्मनी , फ्रांस, इटली, सऊदी अरब से भी प्रतिभागियों ने जुड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सैनी ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस वेबीनार की मॉनिटरिंग वेबीनार के कन्वीनर प्रमोद कुमार वर्मा ने की तथा तकनीकी सहायक आनंद कुमार बबेरवाल थे। इस अवसर पर विजेंद्र पूनिया, सुशीला, सरदारमल यादव, आशीष टेलर, राकेश शर्मा, सुरेश कुमार, सीताराम व अमित माथुर उपस्थित थे।