जिला मुख्यालय स्थित बीडीके अस्पताल में बुधवार को एसीबी की टीम ने कार्यवाही की। उक्त कार्यवाही एसीबी के सीआई हवासिंह के नेतृत्व में की गयी जिसमें अस्पताल के नेत्र सहायक महेन्द्र सिंह व नेत्र विभाग के गार्ड प्यारेलाल को 5000 रूपये रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। परिवादी जयप्रकाश मीणा ने बुधवार को एसीबी में रिपोर्ट दी जिसका बुधवार को ही सत्यापन किया गया। जानकारी के अनुसार परिवादी ने बताया कि 16 नवम्बर 2017 को मेरा पैर फै्क्चार हो गया था जिसका 16 नवम्बर 2017 से 15 जनवरी 2018 (61 दिन) तक बीडीके अस्पताल में ईलाज चला था जिसका प्रमाण-पत्र दे दिया गया था। इस प्रमाण पत्र को खण्ड खेतड़ी में प्रस्तुत करने पर अमान्य किया तथा बोर्ड से प्रमाण-पत्र लाने के लिए कहा। जयप्रकाश ने बताया कि इसके लिए मैंने पीएमओं से सम्पर्क किया। पीएमओं ने नेत्र विभाग में कार्यरत नेत्र सहायक महेन्द्र सिंह से सम्पर्क करने के लिए कहा। महेन्द्र सिंह से सम्पर्क किया तो उसने इस कार्य के लिए 100 प्रतिदिन के हिसाब से 6100 रूपये मांगे थे। जिस पर बुधवार को 5000 रूपये देने व 1000 रूपये बाद में देने पर सहमति बनी। महेन्द्र सिंह ने यह राशि नेत्र विभाग के गार्ड प्यारेलाल को देने के लिए कहा था। परिवादी ने 5000 रूपये गार्ड को दिये तो महेन्द्र सिंह ने उसमें से 4000 रूपये अपने पास रख लिये तथा 1000 रूपये गार्ड को दे दिए। जिस पर एसीबी की टीम ने कार्यवाही करते हुए प्यारेलाल व महेन्द्र सिंह दोनों से रिश्वत की अलग-अलग राशि लेते हुए पकड़ लिया।