संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की संकल्पना को साकार करने के लिए किया आरक्षण समर्पण अभियान का आगाज
जो व्यक्ति मुख्यधारा में आ चुके हैं वे स्वयं अपने आरक्षण का समर्पण करके अब तक जो वंचित लोग हैं उनको भी मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर प्रदान करें
झुंझुनू, आरक्षण को लेकर आप ने विभिन्न प्रकार के आंदोलन अब तक देखे होंगे लेकिन इन सबसे परे हटकर आज झुंझुनू जिला मुख्यालय के बाहर एक अधिवक्ता ने नवाचार करते हुए आरक्षण की अवधारणा को नया मार्ग प्रदान करने की मांग को लेकर अपना सांकेतिक धरना दिया जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे एडवोकेट अशोक कुमार बेरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जो आरक्षण देने की मूल अवधारणा थी उसका उद्देश्य था कि जो वंचित वर्ग के लोग हैं उनको मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कुछ सहायता मिल सके लेकिन आजादी के 72 वर्षों के बाद भी आज तक जो वंचित वर्ग है उनको अपना लाभ नहीं मिल पा रहा है अधिवक्ता अशोक कुमार ने इसके लिए आरक्षण समर्पण अभियान का आगाज किया है इनकी भावना है कि जिन लोगों को आरक्षण का लाभ मिल चुका है और समाज की मुख्यधारा के अंदर जो लोग आ चुके हैं वह स्वता ही अपने आरक्षण का समर्पण कर दें ताकि जो आगामी पीढ़ियां है वंचित वर्ग की उम्र के लोगों को भी आरक्षण का समुचित लाभ मिल सके इनका मानना है कि जो व्यक्ति मुख्यधारा में आ चुके हैं वे स्वयं अपने आरक्षण का समर्पण करके अब तक जो वंचित लोग हैं उनको भी मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर प्रदान करें तभी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अंबेडकर के सपनों को साकार किया जा सकेगा