अस्पताल को ईलाज की दरकार, वाहन में ही करवाई महिला की डिलीवरी
2 बजे बाद अस्पताल के कर्मचारी नदारद, मुख्य गेट पर लगा मिला ताला
इतने बड़े कस्बे में यह है हालात तो ग्रामीण क्षेत्रों का भगवान ही मालिक
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] एक तरफ तो सरकार चिकित्सा सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ सीकर जिले के दांतारामगढ़ के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात कुछ और ही बयां करते हैं। दांतारामगढ़ के इस अस्पताल की हालत दयनीय हैं। 2 बजे बाद अस्पताल के समस्त कर्मचारी अस्पताल से नदारद हो जाते हैं। जिससे लगता है कि सबसे पहले तो अस्पताल की व्यवस्थाओ को ईलाज की जरुरत है। आज बुधवार को जो मंजर अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर नजर आया उससे से यही साबित होता है। डिलीवरी जैसी 24 घंटे उपलब्ध रहने वाली व्यवस्थाओ को लेकर आज बड़ी लापरवाही सामने आई है। भारीजा से प्रसव के लिए आई हुई महिला तकरीबन आधे घंटे तक वाहन में ही तड़पती रही। क्योंकि अस्पताल परिसर के मुख्य गेट पर ताला लटका मिला। प्रसव पीड़ा काफी बढ़ जाने पर साथ आई महिला परिजन ने वाहन में ही डिलीवरी करवाई। जिससे लेबर रूम के लिए सरकार की बनाई गई सारी व्यवस्थाए धरी रह गयी। काफी समय बाद डॉ. मुकेश बाजिया को इस बात का पता चला तो तुरंत अस्पताल में पहुंचे। हालांकि अब जच्चा और बच्चा सकुशल हैं। जच्चा और बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया गया हैं। डॉ. मुकेश बाजिया का कहना है कि मैने कर्मचारियों को कॉल लगाया लेकिन किसी ने कॉल नहीं उठाया मैं अकेला क्या करूं।