कोर्ट ने कहा- पिता को मिले बेटा तो पिता की आँखों से निकले खूशी के आंसू
SDM कोर्ट ने मां को दी थी कस्टडी, लिपटकर रोये थे पिता – पुत्र
झुंझुनू, बाप बेटे के मिलन के ऐसे दृश्य अमूमन तो फिल्मो में ही देखने को मिलते है लेकिन झुंझुनू में कल कोर्ट के फैसले से ऐसा ही नजारा रियल लाइफ में भी देखने को मिला। अपर सेशन न्यायाधीश आशुतोष ने एक पिता को उसके बेटे को उसे सौंपने के आदेश दिए हैं। आदेश मिलते ही पिता की आंखों से खुशी के आंसू आ गए । कोर्ट ने सूरजगढ़ थानाधिकारी और सूरजगढ़ एसडीएम को आदेश दिए है कि अविलम्ब उसके बेटे जतिन को उसके पिता को सौंपने और पालना रिपोर्ट 5 जुलाई तक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। अभी एसडीएम कोर्ट के आदेश से बच्चा अपनी मां के पास है। एसडीएम चिड़ावा ने 29 जून को आदेश जारी बच्चे को मां को सौंप दिया था। बच्चा अपने पिता और दादा के पास रहना चाहता था। एसडीएम के आदेश के बाद पिता से बेटे को दूर किया गया तो एक तरफ बेटा बैचन हो गया तो दूसरी तरफ पिता बेहोश होकर गिर गया था। यह वाक्या देखकर हर कोई की आंखें नम हो गई थी। चिड़ावा में एसडीएम कोर्ट के फैसले ने एक पिता और बेटे को अलग कर दिया था और पिता सदमें में बेहोश हो गया था। आज उस पिता की एडीजे कोर्ट में जीत हुई। बेटे को पिता एक बेटे को उसकी इच्छा के विरुद्ध चिड़ावा एसडीएम कोर्ट ने मां के साथ भेज दिया था। इस फैसले के विरुद्ध दुखी पिता ने अपने बेटे को पाने के लिए एडीजे कोर्ट में अपील की थी। कल शनिवार को सुनवाई के लिए पिता प्रीत सिंह अपने वकील के साथ पहुंचा। यहां पर एडीजे ने वकीलों और प्रीत की सुनी। प्रीत ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए पूरी आपबीती कोर्ट को बताई और सारी बात सुनने के बाद एडीजे आशुतोष कुमावत ने मामले में प्रीत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एसडीएम कोर्ट और प्रीत की पत्नी सुमन को आदेश भेजकर प्रीत को उसके पुत्र जतिन को तुरंत प्रभाव से सौंपने और इसकी पालना रिपोर्ट कोर्ट में 5 जुलाई तक पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले में पीडि़त प्रीत सिंह जाट की ओर से वकील राजेश डेला, प्रमोद कुमार आदि ने पैरवी की। फैसला आने के बाद पिता फिर भावुक नजर आया। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि खापड़वास (झज्जर) निवासी प्रीत की शादी कुछ साल पहले बेरला निवासी सुमन के साथ हुई थी। जिसके एक बेटा और बेटी है। बेटी पहले से ही अपनी माता के पास रह रही थी। वहीं बेटा जतिन अपने पिता प्रीत के पास रहता था। एसडीएम ने बच्चे को माता सुमन के साथ भेजने के आदेश दिए। जिसकी पालना में सूरजगढ़ पुलिस ने बच्चे को उनके पिता से लेकर माता को सुपुर्द करने के प्रयास किए। जिसके बाद पिता-पुत्र आपस में लिपटकर रोने लगे। मगर पुलिस ने दोनों को अलग करते हुए पुत्र को छीन कर उनकी मां को सुपुर्द कर दिया। बेटे को बिछड़ा देख पिता प्रीत जोर-जोर से दहाड़े मारकर रोने लगा और उपखंड कार्यालय के बाहर ही बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। करीब आधे घंटे तक पिता प्रीत बेटे के बिछोह में बदहवास हालत में जमीन पर पड़ा रहा। इसके बाद परिजनों व वकीलों ने उसे ने संभाला।
बाइट वकील रविन्द्र लांबा कोर्ट झुंझुनूं