झुंझुनू, मणिपुर हिंसा के विरोध में सूरजगढ़ में जगदेव सिंह खरड़िया की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में मौजूद लोगों ने मणिपुर हिंसा के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया। हिंसा का जिम्मेदार केंद्र सरकार और राज्य सरकार को माना। जाट महासभा के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया व शिक्षाविद् राजपाल फौगाट ने कहा- लगभग तीन महीने से मणिपुर में हिंसा का तांडव खेला जा रहा है, जिसमें महिलाएं भयानक रूप से हिंसा का शिकार हो रही हैं। काफी समय से वहां पर इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, जिसकी वजह से वहां की खबरें बाहर नहीं निकल कर आ रही हैं। लेकिन पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें बहुत सारे पुरुष दो महिलाओं को नंगा कर उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं। यह सब देखना हर एक संवेदनशील नागरिक को झकझोर देता है। हमें सोचना होगा कि इस भीड़ को किस तरह की राजनीति ने बनाया है। यह राजनीति लोगों को हैवान बना रही है। मणिपुर राज्य सरकार व केंद्र सरकार की नाकामी की वजह से वहां पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, गैंगरेप और हत्या, महिलाओं के साथ बर्बरता व दरिंदगी की बहुत सी घटनाएं सामने आ रही हैं। हिंसा में सैकड़ों गांव तबाह हो चुके हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गये और हजारों की संख्या में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने थाने और पुलिस के हथियार लूट लिये, लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया। निर्दोष लोगों को सड़क के बीच मारा जा रहा है, महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है और उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसी वीभत्स घटनाएं तो गुलाम भारत में भी नहीं घटित हुई थी। बहुत ज्यादा बोलने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा पर मौन धारण कर रखा है। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने कहा- बीते कई दिनों से मणिपुर में हिंसा का तांडव जारी है। भीड़ द्वारा निर्वस्त्र की गई दो महिलाओं का वीडियो देखकर पूरा देश आक्रोशित है। बहुत सी घटनाएं घटित हो जाती हैं लेकिन हर घटना का वीडियो नहीं होता है। मणिपुर हिंसा में बहुत सारी महिलाओं के साथ दरिंदगी और हैवानियत हुई है। अभी बहुत कुछ सुनना और देखना बाकी है। 4 जून को मणिपुर से एक हैरान कर देने का मामला सामने आया है। हिंसा में एक महिला का 7 साल का लड़का घायल हो गया, जिसे एंबुलेंस में लेकर वह महिला हॉस्पिटल जा रही थी। रास्ते में भीड़ ने एंबुलेंस में आग लगाकर महिला व बच्चे सहित तीन लोगों को जिंदा जला दिया। उपद्रवियों को राजनीतिक संरक्षण हासिल है, तभी वह लंबे समय तक सामूहिक बलात्कार, हत्या, लूटपाट व आगजनी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। महिलाओं के साथ बदसलूकी और बलात्कार की घटनाएं 4 मई से शुरू हो गई थी। 56 साल के शख्स की 21 साल की बेटी का दरिंदों ने गैंगरेप किया, उसके भाई ने बचाने की कोशिश की तो उसे भी मार दिया। 4 मई और 15 मई के बीच में बहुत सी महिलाओं ने महिला आयोग और सरकार को शिकायत भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आश्चर्य की बात है, 3 महीने से मणिपुर जल रहा है और देश का प्रधानमंत्री मौन है। देश में शांति कायम करना केंद्र सरकार का काम है। मणिपुर में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू कर हिंसा को रोका जाना चाहिए। जगदेव सिंह खड़िया ने बताया कि हिंसा के विरोध में सोमवार को राष्ट्रपति के नाम सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया जायेगा। बैठक में पूर्व वाइस चेयरमैन विश्वनाथ पुजारी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य रामस्वरूप नेताजी, बनवारी भाम्बू, जगदेव सिंह खरड़िया, राजपाल फौगाट, धर्मपाल गाँधी, करण सिंह दीवाच, डॉ. मनोज यादव, जय सिंह भाम्बू, राजेंद्र कुमार, नवीन काजला, राजेश जुलाहा, सूरजभान आदि अन्य लोग मौजूद रहे।