ए डी एम को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
झुंझुंनू, साम्राज्यवाद विरोधी दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर केंद्र सरकार की किसान मजदूर विरोधी व कार्पोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ ” कार्पोरेट दलालों भारत छोङो” के नारे के साथ अखिल भारतीय किसान महासभा,अखिल भारतीय किसान सभा, एस एफ आई, डी वाई एफ आई, सीटू व इंकलाबी नौजवान सभा की तरफ से शहीद स्मारक से जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया । संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जिसमें केंद्र सरकार की जंगल,नदी और अन्य जल संसाधनों तथा कृषि भूमि पर कार्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण को बढाने के लिए एकाधिकारवादी मित्र पूंजिपतियों के साथ साजिश रचकर किसानों को उनके जीवन और आजीविका से उखाङ फेंककर विस्थापित कर मजदूर बना रहे हैं जनता की मूलभूत समस्याओं की तरफ ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक उन्माद तैयार कर देश को दंगों की आग में झोंकने की साजिश रची जा रही है । अखिल भारतीय किसान महासभा व अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से ज्ञापन में मांग की गई है कि गारंटीकृत खरीद की व्यवस्था के साथ सभी फसलों के लिए सी2 +50 प्रतिशत की दर से लाभकारी एम एस पी के लिए कानून लागू किया जावे । एम एस पी कानून बनाने के लिए स्पष्ट संदर्भ की शर्तों के साथ एस के एम के प्रतिनिधियों को शामिल करके किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ एम एस पी का पुनर्गठन करने,सरकार की नीतियों और लापरवाही के कारण सभी प्रकार के कर्जे के जाल में फंसे किसानों को कर्ज से मुक्ति के लिए व्यापक कर्ज मुक्ति योजना बनाने, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापिस लेने,बकाया पर बिजली कनेक्शन न काटने,प्रीपेड मीटर न लगाने व कृषि पंपों व ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को तीन सौ युनिट फ्री बिजली देने,,लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने,लखीमपुर खीरी की जेल में बंद किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमें वापस लेने,उन्हें रिहा करने,ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान दर्ज भाजपा शासित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों सहित सभी राज्यों में किसानों के खिलाफ सारे लंबित मामलों को वापस लेने,ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसान परिवारों को मुआवजा देने, उनके पुनर्वास की व्यवस्था करने,ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों की याद में सिंघू बॉर्डर पर एक शहीद स्मारक का निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने,कार्पोरेट के हित में बनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वापस लेकर जलवायु परिवर्तन, बाढ, सुखा,ओलावृष्टि व शीत प्रकोप से नष्ट फसलों के लिए व्यापक फसल बीमा योजना लागू करने,सभी लघु, मध्यम, सीमांत पुरुष व महिला किसानों व कृषि श्रमिकों को दस हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने व वन संरक्षण ( संशोधन) विधेयक 2023 को वापिस लेने की मांग की गई।
विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा,राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि,जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, अखिल भारतीय किसान सभा के वरिष्ठ नेता कामरेड फूलचंद बर्वर, कामरेड सुमेर सिंह बुडानिया,जिलाध्यक्ष कामरेड गिरधारीलाल महला,जिला सचिव कामरेड मदन सिंह यादव, कामरेड बिलाल कुरैशी,कामरेड अमर सिंह चाहर, कामरेड रोतास काजला,कामरेड मनफूल सिंह, कामरेड मूलचंद खंरिटा,कामरेड पंकज गुर्जर,कामरेड विजेंद्र कुलहरि,कामरेड रामनारायण ढेवा,कामरेड इशाक खान, कामरेड लक्ष्मीचंद,कामरेड सचिन चौपङा,मुनेश, गोविन्द जैदिया, कामरेड सुमेर सिंह कसाना,कामरेड सूरत सिंह कुलहरि,कामरेड दिनेश कुमावत, कामरेड बजरंग सुबेदार, नत्थू सैनी,कामरेड आशिष पचार, कामरेड रामजीलाल, कामरेड अनीश धायल, कामरेड सुभाष चाहर, महावीर खरबास, मान सिंह खिंचङ, शिवनाथ महला,ठंडूराम, जय सिंह कुलहरि,राजकुमार दोचानिया,हरी सिंह बुरङक, साहिल कुरैशी, अभिषेक, मोहित व पंकज ने संबोधित किया ।