पिलानी में कैलाश मेघवाल बीजेपी पर भारी तो झुंझुनू में राजेंद्र भाम्बू दोनों पार्टियों को दे रहे है चुनौती
झुंझुनू, झुंझुनू जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र में दो सीटे ऐसी है जहां पर निर्दलीयों ने ताल ठोकते हुए भारतीय जनता पार्टी की नींद उड़ा दी है। भारतीय जनता पार्टी की इसलिए क्योंकि यह दोनों ही निर्दलीय भारतीय जनता पार्टी के परिवेश से संबंध रखते थे। बात पिलानी विधानसभा क्षेत्र की करें तो वहां पर कांग्रेस से पितराम सिंह काला मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने राजेश दहिया को अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसी स्थिति में भाजपा के दिग्गज नेता रहे सुंदरलाल के बेटे कैलाश मेघवाल ने निर्दलीय के रूप में ताल ठोक दी है। यहां पर उन्होंने भाजपा के लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। पिलानी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल काफी समस्या रही थी और कैलाश मेघवाल का चुनाव चिन्ह भी बाल्टी है। ऐसी स्थिति में वह यहां पर कांग्रेस के उम्मीदवार को सीधे टक्कर देते प्रतीत हो रहे हैं। वही बात झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां पर कांग्रेस के दिग्गज नेता शीशराम मौला के पुत्र बृजेंद्र ओला कांग्रेस से सातवीं बार मैदान में हैं। जो तीन चुनाव जीत चुके है तो तीन चुनाव हार भी चुके है।
वहीं भाजपा की तरफ से बबलू चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। जो गत विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे। वहीं भाजपा की तरफ से गत विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे राजेंद्र भाम्बू ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के रूप में अपनी ताल ठोक दी है। यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भाम्बू ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों की नींद उड़ा के रख दी है। झुंझुनू जिला मुख्यालय की होने वाली रैलियां की बात करें तो वहां पर दोनों ही उम्मीदवारों की जनसभा में जितने लोग नहीं जुट रहे। उससे ज्यादा राजेंद्र भांबू के समर्थक नजर आते हैं। वही राजेंद्र भाम्बू दोनों ही प्रत्याशियों के मतों में सेंध लगाते दिख रहे हैं, यहाँ तक कि अल्पसंख्यक वर्ग जो कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है। उनके वार्डो में भाम्बू के समर्थन में भारी भीड़ जुट रही है। जिसके चलते इन्होंने सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इनके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में घोषणा करने के साथ ही लोग इनको कमजोर मान रहे थे। वहीं अब दिन प्रतिदिन कछुए की गति से यह है अपनी ताकत बढ़ाते हुए प्रतीत हो रहे हैं। लिहाजा झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में जहां कांग्रेस की जीत आसान मानी जाती थी वर्तमान समय में राजनीतिक विश्लेषक भी कुछ भी कह पाने में समर्थ नहीं है। वही आम जनता में भी यही कहना है कि इस बार चुनाव में कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू