बसपा प्रत्याशी न्यांगली ने भी जीत की है दर्ज
चूरू, [सुभाष प्रजापत ] विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद जिले की स्थिति स्पष्ट हो गई है। जिले में चार स्थानों पर कांग्रेस, एक पर भाजपा तथा एक पर बसपा प्रत्याशी ने अपनी जीत दर्ज की है। जिले की सबसे हॉट सीट तारानगर मानी जा रही थी। तारानगर में भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा। यहां पर कांग्रेस के कद्दावर नेता नरेंद्र बुडानिया ने भाजपा के राजेंद्र राठौड़ को 10 हजार 342 मतों सिशक्त दी है। बुडानिया ने एक लाख आठ हजार 236 मत अर्जित किए, वहीं भाजपा के राठौड़ को 97 हजार 831 मत मिले। जाट व राजपूत वोटों के ध्रुवीकरण के कारण इस सीट पर मुकाबला रोमांचक था तथा बुडानिया ने राठौड़ को हराकर बड़ा संदेश दिया है। उसके पश्चात भाजपा की परंपरागत सीट मानी जा रही रतनगढ़ में भाजपा प्रत्याशी अभिनेष महर्षि जिले में सबसे अधिक मतों से हारने वाले प्रत्याशी बने। यहां पर कांग्रेस के पूसाराम गोदारा ने भाजपा के महर्षि को 29 हजार 663 मतों से हराकर जिले में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। गोदारा को एक लाख 9 हजार 383 तथा भाजपा के महर्षि को 79 हजार 720 मत मिले हैं। रतनगढ़ में भाजपा की हार का प्रमुख कारण विधायक महर्षि के प्रति भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का असंतोष तथा क्षेत्र के ग्रामीण ईलाकें से लगातार जुड़ाव नहीं रहना था। जिला मुख्यालय चूरू की बात करें, तो यहां पर भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। भाजपा के हरलाल सहारण ने कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को हराया है। यहां पर सहारण की जीत का मुख्य कारण वोटों का ध्रुवीकरण रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सहारण ने अच्छी लीड ली। वहीं शहरी मतदाताओं ने मंडेलिया के पक्ष में मतदान किया।
मतगणना के दौरान जहां सहारण ग्रामीण क्षेत्रों से लीड ले रहे थे। उस दौरान शहरी ईवीएम में मतों की गणना के दौरान उक्त लीड को मंडेलिया ने काफी हद तक कवर किया, लेकिन अंत मंडेलिया को हार का सामना करना पड़ा। सहारण को 99 हजार 432 तथा मंडेलिया को 92 हजार 558 मत मिले। जीत का अंतर छह हजार 874 रहा। चुनावों से पूर्व कांग्रेस के लिए सुजानगढ़ को सबसे सुरक्षित सीट माना जा रहा था। लेकिन चुनाव परिणाम के दौरान उक्त सीट पर कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चली। आखिरकार कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने भाजपा की संतोष मेघवाल को हराकर पुन: जीत दर्ज की है। मामूली अंतर से भाजपा उम्मीदवार पिछड़ने के पीछे मुख्य कारण संतोष मेघवाल को टिकट देने के बाद भाजपा नेताओं में उपजा असंतोष उनकी हार का मुख्य कारण बना। कांग्रेस के मनोज मेघवाल को 86 हजार 790 मत मिले, वहीं भाजपा की संतोष को 84 हजार 337 मत ही मिले, जीत का अंतर दो हजार 453 रहा। सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अनील शर्मा ने पुन: जीत दर्ज की है।
अनिल शर्मा के सामने निर्दलीय प्रत्याशी राजकरण चौधरी एवं भाजपा से राजकुमार रिणवां चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन अनिल शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी को 22 हजार 332 मतों से सिशक्त दी। शर्मा को 99 हजार 582 मत मिले। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी को 77 हजार 250 एवं भाजपा प्रत्याशी राजकुमार रिणवां को 52 हजार 538 वोटों पर संतोष करना पड़ा। जीत का कारण यह रहा कि अनिल शर्मा के पक्ष में जाट समुदाय को छोड़कर अन्य जातियों के मतदाताओं ने विश्वास जताया। वहीं सादुलपुर विधानसभा की बात करें, तो शुरू से ही त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ था। बसपा से मनोज न्यांगली, कांग्रेस से कृष्णा पूनियां एवं भाजपा से सुमित्रा पूनियां चुनावी मैदान में थी। यहां पर मनोज न्यांगली ने कांग्रेस की कृष्णा पूनियां को 2574 मतों से शिकस्त दी। न्यांगली को 64 हजार 368, कांग्रेस की कृष्णा को 61 हजार 794 एवं भाजपा की सुमित्रा पूनियां को 59 हजार 429 मत मिले। जिले में सरदारशहर व सादुलपुर में भाजपा की उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। वहीं तारानगर से कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा। शेखावाटी लाइव के लिए चूरू से सुभाष प्रजापत की रिपोर्ट