झुंझुनू, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और पीरामल फाउंडेशन झुंझुनू द्वारा भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण के प्रभावी संचालन और शिक्षक पेशेवर कार्यक्रम में समावेश के लिए ज़िले के शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए एक सुदृढ़ संवर्ग तैयार किया जा रहा है । इसी कड़ी में एमोरी विश्वविद्यालय के “सेंटर फॉर कोंटेंपलेटिव साइन्स एंड कंपेसन बेस्ड एथिक्क्स” द्वारा तैयार 101 शिक्षण पाठ्यक्रम से प्रथम चरण में 50 शिक्षक प्रशिक्षकों को प्रमाणित किया जाना है । जिनका चयन ज़िला शिक्षण एवम प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा शैक्षिक प्रोधोगिक विभागाध्यक्ष डॉ राजबाला ढाका के निर्देशन में गठित एक समिति द्वारा विशेष चयन प्रक्रिया के उपरांत किया गया है । चयनित शिक्षक प्रशिक्षकों हेतु दो चरण में एक प्रमाणीकरण कार्यशाला / प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण पाठ्यक्रम का उपयोग करने में रुचि रखने वाले शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए एक सामान्य अभिविन्यास देना। यह प्रमाणीकरण शिक्षक को अपनी व्यक्तिगत कक्षा में सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण संसाधनों का उपयोग करने और पढ़ाने के लिए अधिकृत करता है। शिक्षण पाठ्यक्रम में परिचय सत्र, छात्रों को सशक्त बनाना, जागरूकता, करुणा और संलग्नता की खोज, पाठ्यक्रम को समझना, छात्रों के भीतर क्षमताओं को बढ़ावा देना, अपने अंदर क्षमताओं को बढ़ावा देना इत्यादि सत्र शामिल है ।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण जिले के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए भविष्य की शिक्षा के लिए मंच तैयार कर रहा है। ताकि जिले के शिक्षक शिक्षा में सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षण को प्रभावी और सहज तरीके से शामिल लिया जा सकेगा ।
- गजेंद्र सिंह, पीरामल फ़ाउंडेशन
शिक्षकों को विषय विशेषज्ञों के सहयोग से कौशलों को सुधारना और उन्हें भावनात्मक शिक्षण के उन्नत तरीकों से परिचय करवाया जाएगा, ताकि जिले से शिक्षकों के 21 वी सदी के कौशल का निर्माण किया जा सके ।
- अमीलाल मूण्ड, जिला शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य डाइट