जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिला ओ.डी.एफ. (खुले में शौच मुक्त) घोषित होने के बाद भी कुछ लोगों द्वारा जान बूझकर शौचालय का उपयोग नहीं कर खुले में गन्दगी फैलाने वाले लोगों को ग्राम पंचायतों द्वारा दण्डित किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के सभी पात्र परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रूपये की सरकारी सहायता दी गई थी परन्तु कुछ लोगों ने शौचालय की फोटो लगाकर सरकारी सहायता प्राप्त कर ली तथा उपयोग योग्य शौचालय नहीं बनाया। इसके अतिरिक्त कुछ लोग जानबूझकर गांवों की आबादी एवं सड़कों के आसपास गन्दगी फैला रहे हैै। उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिये जिला परिषद ने ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों के साथ परामर्श करने के उपरान्त कार्य योजना जारी की है, जिसके तहत ऎसे व्यक्तियों को पंचायती राज अधिनियम की धारा 62 के तहत 200 रूपये जुर्माना करने तथा खुले में शौच की पुनरावर्ती करने पर प्रतिदिन 10 रूपये अतिरिक्त शास्ती वसूलने का निर्णय किया है। ग्राम पंचायत ऎसी रकम को आरोपियों की सम्पति की कुर्की व निलामी से वसूल करेगी तथा ऎसे लोगों को बी.पी.एल सूची में से बाहर करते हुए खाद्य सुरक्षा भामाशाह जैसी सरकारी सुविधाओं से वंचित करेगी। ग्राम पंचायतें ऎसे परिवारों का बी.पी.एल. स्टेटस खत्म करने के लिए प्रस्ताव पास कर उपखण्ड अधिकारी के समक्ष अपील करेगी। जिला परिषद द्वारा करवाये गये आंकलन के मुताबिक जिले में कुल 2.50 लाख परिवारों में से 8 से 10 प्रतिशत परिवार अभी भी खुले में शौच जा रहे है।