शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को लेकर जिला कलक्टर ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश
चूरू, जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने जिले में एक जनवरी से शुरू हो रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के लिए जिला स्तरीय प्रबंधन समिति एवं जांच दल गठन कर अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय प्रबंधन समिति में एडीएम सदस्य सचिव रहेंगे तथा जिला पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ, डीएसओ, सरदारशहर डेयरी के प्रबंध निदेशक, कलक्ट्रेट के उप विधि परामर्शी एवं सहायक लोक अभियोजक सदस्य रहेंगे। अभियान अवधि में इस समिति की बैठक प्रत्येक सोमवार को सवेरे 11 बजे जिला कलक्टर कार्यालय में होगी। इसी प्रकार उपखंड वार गठित किए गए विशेष जांच दल में एसडीएम/बीडीओ/तहसीलदार संयोजक रहेंगे। इसके अलावा डीवाईएसपी/पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधि माप विज्ञान अधिकारी तथा डेयरी प्रतिनिधि विशेष जांच दल सदस्य रहेंगे। निरीक्षण संबंधी कार्यवाही इस संयुक्त जाँच दल द्वारा की जाएगी। यदि किसी कारणवश उपखण्ड अधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी / तहसीलदार जांच दल के साथ नहीं जा पाते हैं तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ आवश्यकतानुसार पुलिस बल एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट / अन्य नामित प्रशासनिक अधिकारी को उपखण्ड अधिकारी द्वारा भिजवाया जाएगा। चूरू एडीएम उपखण्ड चूरू, सरदारशहर, तारानगर व राजगढ़ के लिए तथा सुजानगढ़ एडीएम उपखण्ड सुजानगढ़, रतनगढ़ व बीदासर के लिए पर्यवेक्षणीय अधिकारी रहेंगे। विशेष अभियान के दौरान दूध, मावा, पनीर एवं अन्य दुग्ध उत्पादों की जांच, आटा, बेसन, खाद्य तेल एवं घी आदि की जांच, सूखे मेवे एवं मसालों की जांच, बाट एवं माप की जांच की जाएगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि विशेष अभियान के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थ विक्रय केन्द्रों को चिन्हित किया जाएगा, जहाँ मिलावट की संभावना हो। जांच, सेम्पलिंग की जाकर मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। आवश्यकतानुसार डिकाय ऑपरेशन भी सम्पादित किए जाएंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा मिलावट की सूचना दिए जाने व जांच के दौरान यह सूचना सही पाये जाने पर सूचित करने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखते हुए 51 हजार की राशि का प्रावधान भी रखा गया है। मिलावट की सूचना जिला कलक्टर के अलावा चूरू एडीएम, सुजानगढ़ एडीएम, सीएमएचओ तथा संबंधित एसडीएम को दी जा सकती है। प्रत्येक उपखण्ड में एक जांच दल कार्यशील रहेगा जिसके द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधिक माप विज्ञान अधिकारी व डेयरी के प्रतिनिधि की उपलब्धता के अनुसार निरीक्षण संबंधी कार्य किया जाएगा। जांच दल द्वारा संस्थाओं का निरीक्षण कर नमूना लिया जाएगा तथा मौके पर कठोर कार्यवाही करते हुए निकटस्थ फूड टेस्टिंग प्रयोगशाला में विधिक कार्यवाही की जाएगी। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 एवं नियम, 2011 के प्रावधानों के अनुसार मिलावटी माल को मौके पर ही नष्ट करने की कार्यवाही की जाएगी। अभियान के दौरान की गई कार्यवाही का मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, इसके लिए संबंधित उपखण्ड अधिकारी इस तरह की कार्यवाही हेतु स्वयं तत्काल पर्यवेक्षणीय अधिकारी व जिला मुख्यालय व सहायक निदेशक, सूचना एवं जन-सम्पर्क, चूरू को अवगत करवाना सुनिश्चित करेंगे ताकि मिलावटखोरों को उचित संदेश जाए एवं प्रभावी रोकथाम की जा सके। प्रतिदिन की गई कार्यवाही की रिपोर्ट संबंधित उपखण्ड अधिकारी द्वारा जिला कलक्ट्रेट तथा सीएमएचओ को दैनिक रूप से भिजवाई जाएगी। अभियान के दौरान लिए गए नमूनों की समय पर जांच करवाये जाने का दायित्व सीएमएचओ का रहेगा। रिपोर्टिंग हेतु ऑनलाईन प्रविष्टि भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। जिला रसद अधिकारी विधिक माप विज्ञान अधिकारी के माध्यम से वजन तोलने की मशीन, पेट्रोल, डीजल पम्प आदि की जांच का कार्य करवाएंगे।