सूरजगढ़, राष्ट्रीय साहित्यिक सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में सुप्रसिद्ध कवयित्री व साहित्यकार अमृता प्रीतम की जयंती के पूर्व उनकी याद में धर्मपाल गाँधी की अध्यक्षता में ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेत्री श्री मेसवाल रही। महादेवी वर्मा की शिष्या कविता उपाध्याय भी विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन प्रयागराज से रेनू मिश्रा दीपशिखा ने किया। अमृता प्रीतम की जयंती 31 अगस्त को है, लेकिन उनकी जयंती से पूर्व आज रविवार को उनके सम्मान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में दिल्ली से चंद्रमणि मणिका, उड़ीसा से संघमित्रा राएगुरु, रायबरेली से पुष्पलता लक्ष्मी, फरीदाबाद से कमल धमीजा, राजस्थान से पूनम रांगेरा, हरिद्वार से पूजा अरोड़ा, लखनऊ से अनुजा मिश्रा, प्रयागराज से रेनू मिश्रा, डॉ. उपासना पांडेय आदि ने ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेकर अमृता प्रीतम के सम्मान में सुंदर कविताओं का वाचन किया। कवयित्री रेनू मिश्रा दीपशिखा ने चंद्रयान-3, भारत ने रच दिया इतिहास..कविता का वाचन किया। कवयित्री पुष्पलता लक्ष्मी, कमल धमीजा, चंद्रमणि मणिका ने अमृता प्रीतम के सम्मान में शृंगार रस कविताओं का वाचन किया। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने अमृता प्रीतम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- सुप्रसिद्ध कवयित्री व महान साहित्यकार अमृता प्रीतम का जन्म अविभाजित भारत के गुजरांवाला पंजाब में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
विभाजन की त्रासदी का दंश अमृता प्रीतम को भी झेलना पड़ा था। उनकी रचनाओं में भी विभाजन की पीड़ा साफ झलकती है। अमृता प्रीतम उन प्रख्यात लेखिकाओं में शामिल रही हैं, जिनकी कृतियों का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया। अमृता प्रीतम साहित्य जगत में एक ऐसी शख्सियत रही हैं, जिनकी लेखनी ने भाषाओं की सीमाओं को तोड़ा और यह प्रमाणित किया कि लेखक की शैली, भाषा, बोली देश की सीमाओं में बांधी नहीं जा सकती है। सदियों से कवियों लेखकों के प्रति पाठकों में जो अपार आकर्षण पनपता रहा है, वह उन कवियों लेखकों की शब्दों के प्रति अटूट आस्था का ही प्रतिफल है। कितने बरस बीत गए, लेकिन आज भी कुछ ऐसे लेखक हैं, जो अपने विशाल पाठक वर्ग के बीच सबसे ज्यादा पढ़े और सराहे जाते हैं। अमृता प्रीतम ऐसी ही एक शख्सियत हैं, जिन्हें पढ़ने वालों का एक बड़ा वर्ग है. पद्म विभूषण, भारतीय ज्ञानपीठ, पद्मश्री से प्रतिष्ठित पंजाबी लेखिका-कवयित्री अमृता प्रीतम का नाम किसी भी साहित्य प्रेमी के लिए नया नहीं है। इन पर कई कहानियां कई लेख लिखे जा चुके हैं, साथ ही लोगों ने फिल्मों के माध्यम से भी अमृता के जीवन को करीब से समझने और समझाने की कोशिश की है। वैसे तो अमृता प्रीतम ने सभी तरह के विषयों पर बेबाकी से लिखा है, लेकिन बात जब प्रेम की होती है, तो अमृता की कहानियां और कविताओं के साथ-साथ उनके निजी जीवन को भी समझना ज़रूरी हो जाता है। अमृता प्रीतम को जानना और समझना हो तो उनका उपन्यास रसीदी टिकट एक जरिया है लेकिन यह रचना पाठक की पढ़ने की प्यास बढ़ा देती है। फिर आप जितना पढ़ेंगे उतना ही आपकी प्यास बढ़ेगी। साहित्य अकादमी पुरस्कार,पद्म विभूषण और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महान साहित्यकार अमृता प्रीतम को आदर्श समाज समिति इंडिया परिवार नमन करता है।