सूरजगढ़ के जीणी गांव के जोहडे में जलती हुई लाश की पहेली का हुआ खुलासा
मलिकपुर दिल्ली निवासी कपिल डागर हत्याकांड में सफलता हासिल करते हुए सुरजगढ पुलिस ने दो लोगो को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दिल्ली निवासी आजाद सिंह व रविन्द्र को गिरफ्तार किया है। आजाद सिंह उस कंपनी का मालिक है जिसमें कपिल डागर सिक्योरिटी गॉर्ड का काम करता था। आरोपी आजाद सिंह व मृतक कपिल डागर एक दुसरे के अच्छे दोस्त थें। घटना के पिछे अवैध संबंध थें। मृतक कपिल डागर का आरोपी आजाद सिंह के रिश्ते में किसी लडकी से अवैध संबंध था। इस बात से नाराज आजाद सिंह काफी से समय से मृतक कपिल डागर को ठिकाने लगाने की योजना बना रहा था। इससे पहले भी आजाद सिंह ने पिलानी, सुरजगढ में कपिल को ठिकाने लगाने के लिए सुनसान जगह की रैेकी कर रहा थे ओर मौका मिलते ही घटना को अंजाम दे दिया। आरोपी आजाद सिंह ओर कपिल डागर काफी अच्छे दोस्त थें। आजाद सिंह ने अपनी गाडी में साले रविन्द्र के साथ घूमने का बहाना बनाकर कपिल डागर को अपने साथ ले गये ओर रास्ते में शराब पिलाकर गाडी में ही बुरी तरह से मारपीट कर गला घोटकर मौत के घाट उतार दिया ओर लाश की पहचान छुपाने के लिए आरोपियो ने सुरजगढ के जीणी गांव के जोहडे में सुनसान जगह देखकर लाश पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया । मृतक कपिल डागर ओर आरोपी आजाद सिंह काफी अच्छे दोस्त थें। कई सालो पहले दोनो साथ काम किया करते थें। दोनो का घर नजदीक होने के कारण एक दूसरे के घर आना जाना था। दोनो के परिवार वालो में अच्छी जान पहचान थी। उसके बाद आजाद ने अपनी खुद की कंपनी बना ली ओर कपिल डागर को अपनी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर रख लिया।
मेमोरी कार्ड से पहचाना – जिस दिन कपिल डागर की लाश को जलाया गया था उस दिन कपिल डागर की जेब टूटा हुआ मेमोरी कार्ड मिला था। मेमोरी कार्ड को खोलने के बाद उसमे कपिल डागर के पहचाने वाले का सर्टिफिकेट मिलने से लाश की पहचान हुई थी । उसके बाद कपिल डागर के जान पहचान वालो से मामले मे पुछताछ की गई।
पैसे के लालच मे कर्मचारी ने हत्या का इल्जाम लिया अपने सर -घटना के दिन ग्रामीणो से पुछताछ में सामने आया था की जिस गाडी में लाश को लाकर जलाया गया उस गाडी के आखरी नंबर 65 है। उसी की निशानदेही पर पुलिस ने कपिल डागर के जान पहचान वालो से पुछताछ की । जांच में आजाद सिंह के पास 65 नंबर की गाडी होना पाया गया । जब आजाद सिंह से पुछताछ की गई तो उसने अपनी गाडी साले रविन्द्र के पास होना बताया ओर रविन्द्र ने यह गाडी उनकी कंपनी मे काम करने वाले कर्मचारी के पास होना बताया । कर्मचारी को दोनो आरोपियो ने पैसे का लालच देकर हत्या का इल्जाम खुद पर लेने का दवाब बनाया। कर्मचारी ने पैसे के लालच में कपिल की हत्या का इल्जाम खुद पर ले लिया। पुलिस को जब कर्मचारी की बातो पर शक हुुआ तो मृतक कपिल डागर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरो की जांच की गई । सीसीटीवी में गाडी में तीन लोगो के सवार होने की फूटेल नजर आई तो पुलिस का शक ओर गहरा हो गया। उसके बाद कर्मचारी से सख्ती से पुछताछ की गई। पुछताछ में कर्मचारी ने आरोपी आजाद सिंह व रविन्द्र द्वारा पैसे का लालच देेने पर हत्या का इल्जाम खुद पर लेने की बात स्वीकारी। गौरतलब है कि 5 जून को सुरजगढ-पिलानी रोड पर जीणी गांव के जोहडे में जलती हुई लाश मिली थी। सूचना पर पुलिस ने मिटटी से आग को बुझाकर अधजली लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया था। लाश का 90 प्रतिशत हिस्सा जलकर खाक हो चुका था ऐसे में लाश की शिनाख्त करना चुनौती साबित हो रहा था। पुरी कहानी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी। आज जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का पूरा खुलासा किया।