चूरू, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों के समग्र उत्थान हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाओं को संचालन किया जा रहा है। परन्तु उन सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक शीघ्रता से पहुचें इसके लिए अल्पसंख्यक समुदायों में जागरुकता पैदा करना अति आवश्यक है। जसवीर सिंह बुधवार को चूरू जिला कलेक्ट्रेट सभागार में ‘‘आयोग आपके द्वार’’ कार्यक्रम की कडी के रूप में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में बोल रहे थे। जसवीर सिंह ने कहा कि प्रशासन को संवेदनशीलता के साथ अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों को सकारात्मक दिशा में गति देनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यकों के विकास हेतु 15 सूत्री कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला प्रशासन का भारी योगदान है इसे प्राथमिकता से आगे बढाना चाहिए। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक से पूर्व सिंह ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई की, जिसमें कुल 18 परिवाद प्राप्त हुए इनमें से 13 परिवाद जिला स्तरीय एवं 5 परिवाद राज्य स्तरीय प्राप्त हुए। जिला स्तरीय परिवादों को जिला कलेक्टर एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विमर्श करके हल करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में सिंह ने जिला कलेक्टर को कहा कि मदरसा अध्यापकों के समायोजन, मदरसो में बैग वितरण, मीड-डे-मील के तहत मदरसों में बच्चों को भोजन एवं दुग्ध योजना के तहत मदरसों में बच्चों को दूध की सुनिश्चितता किया जावे ताकि अल्पसंख्यकों के बच्चों का शिक्षा के प्रति रूझान बना रहे। बैठक में सिंह ने अल्पसंख्यकों के मामलों एवं उनके प्रतिनिधित्व की विभागवार समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये के राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों की भागीदारी सुनिश्चित की जावे इसके लिए जरूरी प्रस्ताव राज्य आयोग को भेजेंगे तो हम जल्द ही उन पर कार्यवाही करेंगे। सिंह ने कहा कि चूरू जिले के तीन अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों चूरू, सुजानगढ एवं सरदारशहर में अल्पसंख्यकों के विकास हेतु विशेष परियोजनाओं के निर्माण के लिए करीब 13 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये है जिन्हें जल्द ही केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि इससे संबंधित सभी कार्य जल्द से जल्द चालू हो सके। सिंह ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान हमें पुलिस से ंसबंधित कोई परिवाद प्राप्त नहीं हुआ है। हमने करीब 23 जिलों में जनसुनवाई की उनमें से चूरू पहला जिला है जहां अल्पसंख्यकों की तरफ से कोई भी पुलिस से संबंधित परिवाद प्राप्त नहीं हुआ है। इसके लिए चूरू के सभी समाजों के लोग, सभ्य समाज के सदस्य एवं राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी एवं संवेदनशील काफी धन्यवाद की पात्र है। जिन्होंने जिले में अल्पसंख्यक बाहुल्यता होने पर भी सामाजिक समरसता को बनाए रखने में अपना योगदान दिया है। जिला स्तरीय बैठक में जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल, जिला परिषद सीओ राजपाल सिंह, राज्य अल्पसंख्यक आयोग की सचिव कश्मी कौर रॉन एवं सत्तार खान और मदरसा बोर्ड के जिला संयोजक अख्तर खां भी मौजूद थे। बैठक के बाद सर्किट हाउस में श्री सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि चूरू में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए आयोग हर संभव मदद करेगा तथा प्रशासन को भी डिलीवरी सिस्टम के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के लिए जागरुक बनाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए जिससे समाज के लोगों को भी भागीदार बनाया जावे तो ज्यादा सफल परिणाम मिलेगे।