पुलिस विभाग ने भी निभाई अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी
सीकर, मुसीबत के समय किसी की मदद करना सबसे बड़ी समाज सेवा होती है। अगर वही मदद निजी स्वार्थ से परे तथा प्रसिद्धि की लालसा के बगैर की जाये तो उससे उत्तम कुछ नहीं हो सकता है। इस समय जब देश में लॉक डाउन चल रहा है तब काफी लोग ऎसे है जो अपनी आजीविका के लिए घर को छोड़ प्रवासी हो गए है। लेकिन वर्तमान में उनकी हालत क्या है वो किसी से छुपी हुई नहीं है। इस समय वो सहायता के लिए इधर उधर भटक रहे है, भूख से भी संघर्ष कर रहे है। लेकिन इन सबके बीच एक समाजसेवी ऎसा भी है जो चुपचाप अपना काम कर रहा है। ऎसे समाजसेवी है खंडेला नगरपालिका के पार्षद तथा अमित शर्मा जो अभी सूरत प्रवास पर है लेकिन अपने गृहक्षेत्र में राहत कार्यों के साथ-साथ सूरत में कोई भी राजस्थानी जरूरतमंद हो तो उसकी भी मदद कर रहे है। इसका एक उदाहरण देखने को मिला। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जिसका नाम हरीश वर्मा है तथा वो आजीविका उपार्जन के लिए वलसाड जिले में बोट पर मजदूरी करता था। राजस्थान के सीकर जिले के मूल निवासी इस व्यक्ति को उसके सेठ ने कुछ पैसे देकर लॉकडाउन से पहले सूरत छोड़ दिया तथा कहा कि कुछ दिन बाद तुम्हारा निकलता पैसा दे जाऊंगा। तबसे वो व्यक्ति राहत केंद्रों पर भोजन करके अपने जीवन को गांव जाने की आस में बचाये हुए था,लेकिन उसका सेठ दो महीने बाद भी नहीं आया। हरीश वर्मा ने वहां के समाजसेवियों से अपनी व्यथा कही लेकिन उनकी भी सारी कोशिश नाकाम रही। फिर उन समाज सेवी लोगों ने हार थक कर अमित शर्मा से सम्पर्क किया। अमित शर्मा ने उस मजबूर मजदूर की व्यथा सुनी तथा तुरन्त वलसाड पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी से बात की। वलसाड एसपी ने तुरन्त एक्शन लेते हुए अपने अधीनस्थ पुलिस निरीक्षक को इसकी जांच सौंप कर इस मामले का निष्पादन करने को कहा। पुलिस निरीक्षक गामित ने कुछ घण्टो में ही मामला निपटा कर हरीश वर्मा को उसका मेहनताना बोट मालिक से दिलवाकर मानवतावादी इस कार्य को सम्पन्न किया। जो कार्य बड़े नामचीन लोग पन्द्रह दिन में नही कर पाए वही कार्य अमित शर्मा ने दो घण्टे में कर दिया। यही नही उस मजदूर हरीश वर्मा को नहला धुला कर नए वस्त्र तथा साफा पहनाकर राजस्थान के लिए रवाना किया जहां सीकर के एडिशनल एसपी डॉ.देवद्र शर्मा ने उसे रिसीव करके उसके घर भेज दिया।