पशु चारे की अधिक कीमत एवं कम उपलब्धता को देखते हुए
चूरू, जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ सिहाग ने पशु चारे की अधिक कीमत एवं कम उपलब्धता को देखते हुए 100 मैट्रिक टन से अधिक चारे के भंडारण पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि पशु चारे की अत्यधिक कीमत एवं कम उपलब्धता के कारण आमजन को पशु चारे को उच्च भावों पर खरीदने लिए मजबूर होना पड़ रहा है एवं उपलब्धता पर भी असर पड़ रहा है। इसका एक मुख्य कारण व्यापारियों, स्टॉकिस्ट द्वारा चारे का बड़े स्तर पर भण्डारण कर आमजन के लिए उपलब्ध नहीं करवाना पाया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा पशु चारा भण्डारण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार गौशालाओं को छोड़कर चारे का व्यवसाय करने वाले व्यापारी 100 मैट्रिक टन से अधिक पशु चारे का भण्डारण नहीं कर सकेंगे। इसलिए चूरू जिले में आमजन के पशुओं, पशुपालकों तथा गौशालाओं में संधारित गौवंश के सरंक्षण एवं आवश्यकता के मध्यनजर यह आदेश जारी किया गया है कि जिले में चारे का व्यवसाय करने वाले समस्त व्यापारी 100 मैट्रिक टन से अधिक चारे का भण्डारण (गौशालाओं को छोड़कर) नहीं करेंगें एवं अत्यधिक लू एवं गर्मी के कारण भण्डारित चारे के सुरक्षा मानकों की पूर्ण पालना करेंगें। निर्धारित सीमा से अधिक एवं नियमानुसार भण्डारण नहीं करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।
निरीक्षण टीमों का गठन
जिला कलक्टर ने चारे के भंडारण पर नियंत्रण के लिए निरीक्षण दलों का गठन किया है। आदेश के अनुसार निरीक्षण दल में संबंधित तहसीलदार, पशुपालन विभाग के संबंधित तहसील के नोडल अधिकारी, संबंधित सहायक कृषि अधिकारी को टीम में शामिल किया गया है।