‘शी’ अभियान से होगा महिला सशक्तिकरण, सीएस उषा शर्मा ने भी की तारीफ
झुंझुनूं, जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने नवाचार करते हुए जिले में महिला सशक्तिकरण के लिए ‘शी’ अभियान की शुरूआत की है। ‘शी’ यानी अंग्रेजी भाषा के एस, एच और ई एल्फाबेट से मिलकर बना है, जिसमें एस का अर्थ है शी यानी महिला के लिए प्रयुक्त सर्वनाम, एच यानी हेज, ई यानी एम्पॉवर्ड। इस अभियान के तहत महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का फायदा दिलवाया जाएगा। अभियान के बारे में जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी और महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला ने मुख्य सचिव उषा शर्मा के समक्ष वीडिया कांफ्रेसिंग के जरिए पीपीटी प्रजेंटेशन भी दिया, जिस पर उषा शर्मा ने जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी को इस नवाचार की बधाई देते हुए तारीफ की। गौरतलब है कि सीएस उषा शर्मा ने प्रत्येक जिला कलक्टर से ‘सुशासन हेतु नवाचार’ के तहत सुझाव मांगे थे। मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने इस संबंध में विभिन्न अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि इस अभियान को जिले में प्रभावी रूप से चलाया जाए, ताकि महिला सशक्तिकरण से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ महिलाओं तक समग्र रूप से पहुंचाया जा सके। अभियान का नोडल विभाग महिला अधिकारिता विभाग एवं नोडल अधिकारी अतिरिक्ति जिला कलक्टर होंगे। वहीं अभियान के लिए लक्षित समूह के सर्वे केे लिए गठित चयन समिति के अध्यक्ष जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
क्या होगा इस अभियान मेंः
अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत से 50 परिवारों को शॉर्ट लिस्ट कर प्रथम चरण में 10 महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य लक्षित परिवारों का समग्र विकास करना है।
यह होगा लक्षित समूहः
इस अभियान में महिला को ही लक्षित समूह में सम्मिलित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र की अब तक रोजगारोन्मुखी योजनाओं से वंचित वर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय, हिंसा से पीड़ित, कोरोना से मुखिया की मृत्य होने पर विधवा हुई महिला, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला को प्राथमिकता के साथ लक्षित किया जायेगा। प्रथम चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत से 50 परिवारों की वरीयता निर्धारित कर, 10 परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान का प्रयास किया जायेगा। इस प्रकार जिले में 16850 परिवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
लक्षित गतिविधियाँ:
अभियान के तहत कृषि क्षेत्र में बागवानी, सब्जियों की खेती, ऑर्गेनिक उत्पाद (फल, सब्जी), फूलों की खेती, मोती (सीप) उत्पादन, जैविक खाद यूनिट, पौधषाला (नर्सरी), केंचुआ यूनिट आदि को जोड़ा जाएगा, वहीं पशुपालन क्षेत्र में डेयरी, बकरी पालन, पैकेज्ड दूध, मिठाई व्यवसाय आदि को जोड़ा जाएगा। जबकि खाद्य प्रसंस्करण के तहत मसाला उद्योग, पापड़, मंगोड़ी, कैर, सांगरी, अचार, कैन्डीज (संतरा, पान, आँवला, अनारदाना आदि), जैली,स्थानीय प्र्रसिद्ध मिठाई जैसे पेड़े, सिकाई का राजभोग, कलाकंद निर्माण को शामिल किया जाएगा। वहीं हस्तशिल्प में लाख की चूड़ी, जूतियां, मुढ्ढे, दरी, खेस, बँूदी बंधेज, गोट्टा-पत्ती आदि के कार्य को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर, आर्टिफिषियल ज्वैलरी, फर्नीचर, सिलाई-कढ़ाई, फैषन डिजाइनिंग, सजावटी वस्तुएं, पेपरमेषी, चाय-ज्यूस के कुल्हड़, ग्रीन या हर्बल टी, हेयर विग, कम्प्यूटर प्रषिक्षण केन्द्र एवं ई-मित्र इत्यादि को भी जोड़ा जाएगा।
यह है चयन प्रक्रियाः
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् की अध्यक्षता में एक एक्षन ग्रुप गठित कर प्रत्येक ग्राम पंचायत से 50 महिलाओं को शॉर्ट लिस्ट करके प्रथम चरण में 10 महिलाओं का चयन किया जायेगा।
प्रत्येक ग्राम पंचायत के सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के पिं्रसिपल यानी पीईईओ के निर्देषन में साथिन, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, कृषि पर्यवेक्षक, बैंक प्रतिनिधि, पशुचिकित्सक, पटवारी के सहयोग से 50 परिवारों को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा। इस सूची में से 10 महिलाओं का स्वरोजगार स्थापना हेतु प्रथम चरण के लिए चयन किया जाएगा।
चयन के मानक:-शॉर्ट लिस्ट किये हुये परिवारों में से स्वरोजगार हेतु 10 महिलाओं के चयन हेतु के लिए वंचित वर्ग, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अल्पसंख्यक, विधवा, तलाकशुदा, दिव्यांग, कमाई का साधन न होना, बीपीलएल परिवार से होना, खाद्य सुरक्षा योजना या अन्त्योदय में नाम होना, पशु संसाधनों की स्थिति, मासिक आय, पूर्व के बैंक ऋण का विवरण, परिवार में सदस्यों की संख्या एवं षिक्षा की स्थिति आदि 9 मानक होंगे।
इन पर है अभियान का जिम्माः
अभियान के तहत जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें उप निदेषक महिला अधिकारिता सदस्य सचिव, वहीं कृषि एवं उद्यानिकी के उप निदेशकगण, सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार सहकारिता, लीड बैंक मैनेजर, जिला उद्योग केन्द्र के महा प्रबंधक, केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेषक, समेकित बाल विकास सेवाएं के उप निदेषक सदस्य होंगे। वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर गठित सर्वे कार्यदल में समन्वयक पीईईओ, वहीं ग्राम पंचायत, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशुपालन विभाग के कार्मिक और पटवारी सदस्य होंगे।
महिलाओं का दिया जाएगा प्रशिक्षणः
अभियान के तहत चयनित महिलाओं को स्थानीय स्तर पर विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा, वहीं मार्केटिंग के लिए भी नवीन तकनीकों का प्रयोग सिखाया जाएगा। चयनित महिलाओं को इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना केन्द्र, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एन्टरप्राइजेज स्कीम आदि योजनाओं से वित्तीय सहायता दिलवाई जाएगी। कार्य शुरू होेने पर महिलाओं को विपणन की भी सहायता और सहयोग विभिन्न विभागों द्वारा किया जाएगा, वहीं विभिन्न विभागीय अधिकारियों को एनीमेटर के तौर पर भी लगाया जाएगा।