झुंझुनू

बाजौर ने किया शहीद पितराम की मूर्ति का अनावरण, शहीदों के नाम से जाना जाता है झुंझुनूं जिला-अहलावत

सिंघाना [कृष्ण कुमार गाँधी ]  सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश में हर गांव में देवता होते है जब भी कोई गांव में कोई विपत्ति आती है तो लोग अपने इष्ट देवताओं को याद करते है उसी तरह जिले के हर गांव में लगी शहीदों की मूर्ति भी देवता की परिचायक है क्योंकि जब देश की सीमा पर कोई संकट आता है तो ये जाबांज अपने प्राणों की आहूति देकर देश की रक्षा करते है इसलिए शहीदों को भी देवताओं की तरह पूजना चाहिए यह बात गुरूवार को भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान 1971 में शहीद हुए महराणा निवासी शहीद पितराम की मृर्ति अनावरण के दौरान मुख्य अतिथि सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने कही। मूर्ति अनावरण समारोह की अध्यक्षता सांसद संतोष अहलावत ने की विशिष्ट अतिथि बुहाना प्रधान कविता यादव, सूरजगढ़ प्रधान सुभाष पुनियां, चिड़ावा सैनिक कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र राठौड़ थे। समारोह के दौरान शहीद परिजनों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान शहीद के परिजनों ने प्रेम सिंह बाजौर को मांगों का ज्ञापन सौंपा
शहीदों के नाम से जाना जाता है झुंझुनूं जिला- अहलावत
मूर्ति अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए सांसद संतोष अहलावत ने कहा कि हमारा जिला सैनिकों का जिला वहीं देश की सीमा पर शहीद होने वाले वीर सैनिक भी सबसे ज्यादा हमारे जिले से ही है इसलिए जिले को शहीदों के जिले के नाम से जाना जाता है। उन्होनें कहा कि झुंझुनूं जिले के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई है। उन्होनें कहा कि हमारे जाबांज सैनिक सरहद पर हाड़ कंपा देने वाले -4 डिग्री तापमान पर देश की सिमाओं की रक्षा करते है और जब भी जरूरत पड़ती है अपने प्राणों की बाजी लगाकर मां भारती की रक्षा करते है। उन्होनें कहा कि भाजपा सरकार उन भुला दिए गए शहीदों की मूर्तियां बनवाकर उनकी शहादत का सम्मान कर रही है जो बहुत बड़ी बात है।

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