जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने कहा
झुंझुनू, जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने कहा है कि बालश्रम के कारण न केवल उस बालक का मानसिक विकास रूक जाता है बल्कि अल्प आयु में ही शारीरिक कमजोरी, कुपोषण एवं बीमारियों का शिकार हो जाता है, जो अत्यंत वेदनापूर्ण है। बाल श्रम के कारण बालक शिक्षा भी ग्रहण नहीं कर पाता इसका दुष्प्रभाव यह होता है कि जब वह बालक बडा होता है तो समाज एवं देश को एक पढे लिखे स्वस्थ्य नागरिक की जगह एक कमजोर एवं अनपढ नागरिक मिलता है। राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के बावजूद समय-समय पर बालश्रम की घटनाऐं जानकारी में आ रही है। कोविड-19 महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान राजस्थान प्रदेष सहित संपूर्ण देश में श्रमिकों का व्यापक स्तर पर पलायन हुआ है। लॉकडाउन हटने के साथ ही उद्योग-धन्धों में कार्य पुनः शुरू हो रहा है। ऐसे में बाल श्रम के नियोजन की भी संभावनाए है। इस स्थिति में झुन्झुनूं जिले के समस्त होटलो, ढाबों, दुकानों, ईंट भट्टे, रेस्टोरेन्टों, चाय की थडी आदि तथा जिले में स्थित अन्य समस्त औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संस्थानों के नियोजको को आदेषित किया जाता है कि वे अपने संस्थान पर बाल श्रम नियोजित नहीं करवाना सुनिश्चित करें। यदि किसी संस्थान पर बाल श्रम नियोजित होना पाया गया तो बाल श्रम प्रतिषेध और विनियमन अधिनियम 1986, किषोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।