चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिपराली स्थित जीएनएमटीसी में गुरूवार को बेटियां अनमोल है कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी के निर्देशन में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ लक्ष्मणसिंह ओला थे। मुख्य अतिथि डॉ ओला ने युवाओं से भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए समाजहित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए लिंगानुपात में सुधार पर विशेष जोर देते हुए कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है, लेकिन फिर भी कुछ लोग यह कार्य करते हैं। ऎसे लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में युवा वर्ग अपनी अहम भूमिका निभा सकता है, जो लोग कन्या भ्रूण हत्या जैसा घिनौना काम करते हैं, उनको रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने खासतौर पर लडकों से लड़कियों के संरक्षक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि बेटियां अनमोल है, बोझ नहीं। वर्तमान में बेटियां हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बेटियों को आगे बढने का अवसर मिलने पर उन्होंने भी अपने देश व अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए आमजन को जागरूक करना होगा तभी इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगेगा। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जीएनएमटीसी के प्राचार्य मोहम्मद फारूक जाटू ने कन्या भ्रूण हत्या को महापाप बताते हुए कहा कि शिक्षित वर्ग इस घिनौने कार्य में लिप्त हैं। ऎसे लोगोंं का हर स्तर पर विरोध होना चाहिए और उनको रोका जाना चाहिए। इस मौके पर जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनियां ने भ्रूण परीक्षण तथा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बनाए गए पीसीपीएनडीटी एक्ट, मुखबिर योजना की जानकारी देते हुए बताया कि पीसीटीएस के अनुसार सीकर जिले का बाल लिंगानुपात 947 हैं। उन्होंने लिंग परीक्षण व कन्या भ्रूण हत्या जैसे घिनौने कार्य में लिप्त तथाकथित झोलाछाप, दलालों के खिलाफ विभाग की ओर से की गई कार्यवाही की भी जानकारी दी। समारोह में जीएनएमटीसी प्रशिक्षक नंदकिशोर, प्रतापसिंह यादव, राजेंद्र सैनी ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर मंजू भाकर, गायत्री मलिंडा, कुलदीप, पंकज कुमार, अरविंद बेनीवाल, अमित दाधीच आदि मौजूद थे।