मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में सुजानगढ़ में बना नया छात्रावास विद्यार्थियों के लिए साबित हो रहा वरदान
चूरू, राजस्थान सरकार की बजट घोषणाएं किस प्रकार प्रदेश के लोगों के लिए कल्याणकारी साबित हो रही हैं, चूरू जिले के सुजानगढ़ में संचालित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का छात्रावास इसका उदाहरण है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट 2019-20 में सुजानगढ़ में 50 विद्यार्थियों की क्षमता का राजकीय छात्रावास बनाने की घोषणा की। इसके बाद 3 फरवरी 2020 को छात्रावास की स्वीकृति जारी कर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से 275 लाख रुपये की लागत से 20 मई 2021 को राजकीय अम्बेडकर छात्रावास बनाकर तैयार कर दिया गया। छात्रावास माह जुलाई 2022 से विद्यार्थियों हेतु प्रारम्भ कर दिया गया।
छात्रावास में रहने वाले गिरवसर गांव के राहुल मेघवाल और अजय सिंह बताते हैं कि यहांं रहने, खाने, खेल, व्यायाम एवं ट्यूशन की बहुत अच्छी सुविधा है। खेल क्षमता वृद्धि के लिए भी बैंडमिंटन, बास्केटबॉल, वॉलीबाल एवं कैरम की सुविधा भी उपलब्ध है। यह सब छात्रों के लिए काफी फायदेमंद है। मनोरंजन के लिए स्मार्ट एलईडी एवं संगीत और नृत्य कलाओं के लिए भी सुविधा मिल पाने से शैक्षिक गुणवत्ता के साथ सांस्कृतिक विकास भी होता है। सुजानगढ़ के ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी बाबूलाल कहते हैं कि छात्रावास में विद्यार्थियों हेतु सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था की गई है। छात्रावास में अध्ययन के लिए स्टडी टेबल, लाइब्रेरी एवं ट्यूशन क्लासेज की बहुत ही अच्छी व्यवस्था होने से शिक्षा सुविधा सुगम हुई है। भोजन की गुणवत्ता भी बेहतर है। छात्रावास सुविधा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को अध्ययन नियमित रूप से जारी रखने में काफी लाभदायक है।
छात्रावास अधीक्षक चंद्रावती बताती हैं कि राज्य सरकार की ओर से 275 लाख रूपए की लागत से छात्रावास निर्माण होने से विद्यार्थियों को काफी सुविधा हो पायी है। वर्तमान में छात्रावास में 50 विद्यार्थी आवासरत है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की अनुपालना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में दूर-दराज के गरीब विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं होने से उनके कैरियर के लिए बेहतर अवसर खुलेंगे। विभाग ने इसमें विद्या संबल व स्मार्ट एलईडी के ऑनलाईन प्लेटफॉर्म जोड़कर आधुनिक संचार क्रांति का लाभ विद्यार्थियों को देने की दिशा में काम किया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला बताते हैं कि विभाग की ओर से संचालित छात्रावासों में विद्यार्थियों को अधिकतम और बेहतरीन सुविधाएं देने का प्रयास किया जाता है और इसकी समुचित मॉनीटरिंग की जाती है। राज्य सरकार की मंशा के अनुसार छात्रावास का अधिकतम लाभ यहां आवासरत विद्यार्थियों को मिले, यह हमारी कोशिश रहती है। कुल मिलाकर, छात्रावास आसपास के निर्धन एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है और इसमें आवासरत विद्यार्थियों के चेहरे पर दिख रहा संतुष्टि का स्तर मुख्यमंत्री बजट घोषणा की सार्थकता साबित करता है।