झुंझुनू

बीड कंजर्वेशन रिजर्व का जिला कलक्टर रवि जैन ने किया निरीक्षण

बचे हुए एसटीपी के घरों को तत्काल जोड़ने के दिए निर्देश

झुंझुनू, जिला कलक्टर रवि जैन ने मंगलवार को वन विभाग, नगर परिषद् व आरयुआईडीपी के अधिकारियों के साथ बीड झुन्झुनू कंजर्वेशन रिजर्व का निरीक्षण किया। जैन ने सबसे पहले आरयुआईडीपी के निर्माणाधीन दो एसटीपी को देखा, जिसमें से एक पुराना 8 एमएलडी एसटीपी हैं, जिसको पहले शुरू किया जाए एवं नये 7.5 एमएलडी एसटीपी को भी शुरू कर चैक करवाया कि सही कार्य कर रही है, जिससे कि पानी की बीओडी-सीओडी के परिणाम की जांच भी की जा सके। जिला कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती के उपलक्ष में जिला मुख्यालय पर वन भूमि पर गांधी वन विकसित करने के लिए लिखा गया है, जिसके लिए भी बीड झुन्झुनू कंजर्वेशन रिजर्व का निरीक्षण किया जिसके तहत यह उपयुक्त मिला। यह शहर से नजदीक होने के साथ साथ इसमें पुराने जोहड, जाल के घने जंगल वन्य जीवों के लिये घास और वृक्ष के साथ ही शुद्व वातावरण है। कंजर्वेशन रिजर्व की 10 वर्षीय कार्य योजना वर्ष 2019-20 से लेकर 2028-29 तक 2 हजार 753 लाख रूपये कि राशि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर से स्वीकृत है।जैन ने निरीक्षण के दौरान नगर परिषद् व आरयुआईडीपी को निर्देश दिए कि वे एसटीपी से जोड़े गए 300 घरों के बाद शेष बचे घरों को तत्काल एसटीपी से जोडा जाए। उन्होंने शहर का गंदा पानी जो बीड क्षेत्र से सोती गांव की तरफ जा रहा है उसका निरीक्षण किया। गंदे पानी को सडक के सहारे-सहारे बीड क्षेत्र में फैल रहा है। खेतानाथ आश्रम के पास पुराना जोहड है जिसमें काफी मात्र में गंदा पानी भरा हुआ हैं, इसको लेकर उन्होंने आयुक्त नगर परिषद् व एक्सईएन आरयुआईडीपी को निर्देश दिए कि वे इस गंदे पानी को एसटीपी में लेकर चार दिवस में ट्रीटमेंट कर शुद्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि इस योजना में विभिन्न कार्य जैसे बीड के चारों तरफ पक्की दीवार निर्माण करना, वन विभाग की चौकी-नाका निर्माण करना, वन्य जीवों के लिये पानी की उपलब्धता के लिए जल संरचनाओं का निर्माण करना, ग्रासलैण्ड विकसित करना, चारा देने वाली प्रजातियों का वृक्षारोपण करना, रोड साईड वृक्षारोपण करना, औषधीय पौधों की नर्सरी विकसित करने के साथ-साथ पर्यटकों के लिये विभिन्न सुविधाऎं बायोटॉयलेट, ईको टै्रल, वॉच टॉवर, व्यु पांईट, वृक्ष कुंज पुराने जोहडों का पुनरोद्वार करवाया जाएगा। इसके अलावा वन विभाग की ओर से बीड को गांधी वन के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये गए है। जैन ने कहा कि झुन्झुनू-बगड रोड पर झुन्झुनू शहर से लगते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर कुल 1047.48 हैक्टर क्षेत्रफल 09 मार्च 2012 को झुन्झुनू बीड कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया है। इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप मेें विकसित करने, क्षेत्र को विकसित करने के लिए पुराने जोहडों का पुनरोद्वार करना एवं वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिये 2019-20 से 2028-29 तक की अवधि के लिये प्रबन्ध योजना स्वीकृत है। इस क्षेत्र के विकसित करने के साथ यहां चिंकारा के लिये संरक्षित क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना है, यहां वन्य जीवों के साथ साथ विभिन्न प्रजातियों के पक्षी भी हैं। इस प्रकार यह क्षेत्र आसानी से एक अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है, इसकी लोकेशन भी झुन्झुनू शहर से लगती हुई एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने एसटीपी का शुद्ध पानी पेड पौधों एवं नर्सरी में काम में लिया जाने के कारण यहां पर आमजन के लिए एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना व चिंकारा अभ्यारण्य के रूप में इसके लिये आने वाले वर्षों में एक बडा कार्य होगा।

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