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बुहाना के राजकीय अस्पताल में ओपीडी खिडक़ी पर बैठने वाले कार्मिक की मनमानी व अभद्र व्यवहार बना परेशानी का सबब

 कस्बे के सबसे बड़े राजकीय अस्पताल में ओपीडी खिडक़ी पर बैठने वाले कार्मिक  मरिजों के साथ आये दिन अभद्र व्यवहार करते हैं। इस बात का सभी चिकित्सकों को पता होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। सोमवार दोपहर 10 बजे ओपीडी खिडक़ी पर 75 वर्षिय हार्ट की मरीज महीला को दिखाने के लिए उसका पुत्र पर्ची बनाने के लिऐ लाईन में लगा रहा। एक घंटा इंतजार के बाद भी कार्मिक ओपीडी खिडक़ी पर पर्ची बनाने नहीं आने पर, चिकित्सकों को निवेदन करने पर एक कार्मिक पहुंचा और मरिजों से आईडी मांगने लगा। इस पर कुछ मरीज उलझते रहे एंव कई भोले-भाले मरीज बिना उपचार के निराश ही लौटने लगे। उसकी बारी आने पर मरीज महीला का नाम बताया तो कहा आप तो पुरूष हैं । पेंसेंट को लाईन में लगाओं। पेसेंट के साथ आये उसके पुत्र ने कहा कि यह यहां पास ही तो बैठी है। यह हार्ट पेसेंट वृद्ध लाईन में कैसे खड़ी हो सकती है। काफी जिद्दो जहद के बाद पर्ची बनाई गयी। फिर उपस्थित चिकित्सकों से शिकायत करने पर कहा कि ये लोग प्राईवेट हैं आप लिखित में शिकायत दें। हम चिकित्सा प्रभारी को दिखायेगें। पचेरी बड़ी पंचायत के शिवसिंहपुरा निवासी को कुता काटने पर पचेरी अस्पताल में रेबिज का टीका नहीं मिलने पर बुहाना आना पड़ा। अस्पताल में डाक्टरों को दिखाने पर कहा पर्ची बनवाकर लाओ। लेकिन पर्ची बनाने वाला कार्मिक खिडक़ी से गायब था। इसी के साथ अध्यापक सुरेश कुमार भी दवाई लेने आया लेकिन ओपीडी खिडक़ी पर कार्मिक ही नहीं हैं। वृद्ध महिला मरीज के साथ आये नरेन्द्र कुमार ने बताया कि अस्पताल में मां को दवाई दिलाने घंटों खिडक़ी पर खड़ा रहा। पर्ची बनाने वालें ने नाम पुछकर आईडी मांगी और कहा कि बुढ़ी को लाईन में लगाने पर ही पर्ची बनेगी। डाक्टरों को इस बात की शिकायत करने पर लिखित में देने पर कार्मिक पर कार्यवाही करने की बात कही।
सांयकाल भी यही हाल रहा कस्बे के अस्पताल में दिन में मरिजों के साथ अभद्रता की सुचना मिलने पर पत्रकारों ने पांच बजें अस्पताल में जाकर देखा तो अस्पताल में डाक्टर तो बैठे हैं लेकिन ओपीडी खिडक़ी पर कार्मिक नदारद है।
अस्पताल में उपस्थित डाक्टरों ने कहा कि स्टाफ की कमी है। एम्बुलेंस चालक को पर्ची काटने बैठाया गया था। मरीजों के साथ गलत व्यवहार किया। जिसकी सूचना पाकर खिडक़ी पर गये तो वह भाग गया। इसकी शिकायत चिकित्सा प्रभारी को की जावेगी। वैसे यह अस्पताल में संविदा पर लगाये हुऐ हैं।

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