कस्बे की शान कही जाने वाली बणी पहले से ही अतिक्रमण की भेंट चढ़ी जा रही है। लेकिन अब बणी को बचाने के लिए कई लोग आगे आने लगे है। उसी को लेकर बुहाना निवासी जगदीश तंवर बणी को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए कई सालो से प्रशासन के साथ लडाई लड़ रहे है। प्रशासन से कोई राहत नहीं मिलने पर जगदीश तंवर ने हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में अतिक्रमण हटाने के लिए अपिल दायर कर दी गई। प्रार्थी जगदीश तंवर ने बताया कि बणी की गैर मुमकिन चारागाह भूमी से अतिक्रमण हटवाने और गैर कानूनी निर्माण कार्य रूकवाने के लिए पीआईएल दायर की गई थी। न्यायालय ने आठ मई 2017 को तत्कालिन कलेक्टर को छह माह में जगह का पंचनामा तैयार करने के निर्देश दिये थे। जिस पर कोई कार्यवाही नहींं होने पर उसी अर्जी की उपेक्षा हुई है।
पेड़ो की कटाई व अवैध कब्जों से सिकुड़ी बणी बणी में वर्षो से अतिक्रमणकारी जमकर बैठे हुए है जो ऐतिहासिक बणी को उजाडऩे की कगार पर लगे हुए है। लगभग 575 एकड़ में फैली बणी में हजारो की संख्या में जाल के पेड़ है लेकिन रोजाना पेड़ो की अंधाधुंध कटाई की जा रही है तथा सीमा से लगते गांवो के लोग बणी की गोचर भूमि को अपने खेत में शामिल कर रहे है। दबंग प्रवति के लोग गोचर भूमि पर नोटेरी करवाकर बेखोफ बेच और खरीद रहे है। जिस पर दिनरात अवैध निर्माण कार्य चलाये जाते है। बणी को बचाने के लिए ग्रामीण कई बार प्रशासन को शिकायत कर चुके है फिर भी प्रशासन इस बणी को बचाने के लिए कोई जदोहद नहीं कर रहा।