उपखंड मुख्यालय पर बंदरों के आतंक से आमजन परेशान हो रहे हैं। हालात यह है कि बंदरों के आतंक के चलते लोगों को मकानों की छत पर व बच्चों को बाहर खेलने में भी दिक्कत हो रही है। लोगों को बाजार जाने पर भी बंदरों का डर बना रहता है। बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने जनप्रतिनिधियों को भी अपनी व्यथा बता चुके हैं लेकिन कुछ नहीं किया गया। बुहाना कस्बे के देवरा मंदिर के पास बंदरों का असंख्य झुंड रहता है, यह बंदरों का झुंड पूरे कस्बे में घूमता रहता है। बंदरों का झुंड पढऩे जाने वाले बच्चों पर भी हमला कर देते हैं और घर में रखी खाद्य सामग्री पर भी धावा बोल देते हैं, छत पर रखे सामान की तोडफ़ोड़ कर देते हैं। जब बंदरों को भगाने की कोशिश की जाती है तो हमला बोल देते हैं, महिला और बच्चे बंदरों के आतंक से ज्यादा परेशान हो रहे हैं उनका घर से निकलना भी मुश्किल हो रहा है
एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों पर कर चुके हमला 6 माह के अंदर बदरों ने करीब 15-20 लोगों पर हमला कर दिया है। राजेश जांगिड़ ने बताया कि कलवा मोड़ स्थित संचालित कंप्यूटर सेंटर में पढऩे वाली छात्राओं पर भी हमला कर दिया। कस्बे के अंदर सब्जी बेचने वाले दुकानदारों का जीना भी दुर्लभ हो रहा है बंदरों द्वारा सब्जियों को खराब कर दिया जाता है, प्रशासन नहीं कर रहा कोई कार्रवाई।
ग्रामीण आर्थिक मदद के लिए तैयार हैं बुहाना उपखंड के लोगों के बंदरों से छुटकारा दिलाने के लिए कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों को यहां से पकडक़र बाहर छोडऩे का खर्चा भी ग्रामीण उठाने को तैयार हैं, उसके बावजूद भी ग्रामीणों की सुनवाई नहीं की जा रही है। बंदरों द्वारा बार-बार लोगों पर हमला किया जा रहा है बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है।