सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में संस्थान के कार्यालय सूरजगढ़ में शिवदान सिंह भालोठिया की अध्यक्षता में पद्म विभूषण से सम्मानित महान सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाओं और हरिजनों की जीवनशैली में सुधार लाने वाली महान समाज सुधारक, महात्मा गाँधी से प्रेरित होकर सभी सुख-सुविधाओं का त्याग कर आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाली स्वतंत्रता सेनानी जानकी देवी बजाज की जयंती मनाई। कार्यक्रम में शामिल मौजूद लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी जानकी देवी बजाज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए देश की आजादी में उनके योगदान व उनके द्वारा किये गये सामाजिक कार्यों और उनके जीवन संघर्ष को याद किया। योगासना भारत के जिला सचिव योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई, अंतर्राष्ट्रीय योगा खिलाड़ी सुदेश खरड़िया, धर्मपाल गाँधी, जगदेव सिंह खरड़िया, समाजसेवी होशियार सिंह आर्य, राजेंद्र कुमार गाँधी, अंजू गाँधी आदि ने सभा में अपने विचार व्यक्त किये। पतंजलि योग समिति के राज्य प्रभारी पवन कुमार सैनी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होकर सभा को संबोधित किया। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने बताया कि जानकी देवी बजाज महाराष्ट्र के वर्धा के बेहद संपन्न बजाज घराने की बहू प्रसिद्ध उद्योगपति गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज की धर्मपत्नी थीं। जिन्होंने देश की आजादी के लिए स्वेच्छा से अपने सारे स्वर्ण आभूषणों और सुख-सुविधाओं का त्याग कर दिया था। उनका आजादी की लड़ाई, महिलाओं के सामाजिक उत्थान और ‘हरिजनों’ की जीवनशैली में सुधार के क्षेत्र में योगदान सराहनीय है। सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें वर्ष 1932 में अंग्रेजों द्वारा कैद कर लिया गया था। जानकी देवी बजाज ने ‘खादी’ और ‘चरखा’ पर सूत कातने की स्वदेशी अवधारणा को अपनाने के अलावा, 1928 के दौरान मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों में हरिजनों को प्रवेश की अनुमति दिलाने के लिए भी लगातार प्रयास किया। भारत में पहली बार 17 जुलाई 1928 के ऐतिहासिक दिन को जानकी देवी अपने पति और हरिजनों के साथ वर्धा के लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंची और मंदिर के दरवाजे हर किसी के लिए हमेशा के लिए खोल दिये। जानकी देवी ने इस कार्य के प्रति पूरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की थी। उस जमाने में अछूतों को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करने वाला यह देश का पहला मंदिर था। देश की आजादी के लिए महात्मा गाँधी द्वारा किये गये तकरीबन सभी आंदोलनों में जानकी देवी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जानकी देवी बजाज का पूरा परिवार आजादी के आंदोलन में सक्रिय था। आजादी के बाद उन्होंने विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानकी देवी बजाज के आजीवन किये गये कार्यों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने सन् 1956 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। ऐसी महान विभूति को आदर्श समाज समिति इंडिया परिवार नमन करता है। इस मौके पर वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया, सचिव शिवदान सिंह भालोठिया, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, RYSA योगासना भारत के जिला झुन्झुनूं सचिव योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह, होशियार सिंह आर्य, राजेंद्र कुमार गाँधी, सुदेश खरड़िया, अंजू गाँधी, इशिता खुगांई, रणवीर सिंह, सुनील, दिनेश आदि अन्य लोग मौजूद रहे।