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तेजा भवन सूरजगढ़ में
सूरजगढ़, शेखावाटी क्षेत्र के झुन्झुनूं जिले के तेजा भवन सूरजगढ़ में जगदेव सिंह खरड़िया के नेतृत्व में किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस को किसान दिवस के रुप में मनाया। जयंती समारोह में भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत, रवि आजाद हरियाणा, अनंगपाल, प्रेम सिंह, उदयवीर, गौरव बालियान और युवा किसान नेता राजेश गोदारा ने भाग लिया। वक्ताओं ने किसानों के मसीहा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चौधरी चरण सिंह किसान पहले थे, नेता बाद में। चाहे वह यूपी के सीएम रहे हों या फिर देश के प्रधानमंत्री उनकी पहली चिंता यही होती थी कि इस देश में किसानों की सुनवाई हो रही है कि नहीं। देश में कुछ ही राजनेता ऐसे हुए हैं जिन्होंने लोगों के बीच रहकर सरलता से कार्य करते हुए अपनी लोकप्रियता हासिल की हो। एक समर्पित लोक कार्यकर्ता एवं सामाजिक न्याय में दृढ़ विश्वास रखने वाले चौधरी चरण सिंह को लाखों किसानों के बीच रहकर प्राप्त आत्मविश्वास से काफी बल मिला। उन्होंने जमींदारी उन्मूलन व भूमि सुधार अधिनियम लागू करवाने के अलावा किसानों और मजदूरों के हित में बहुत से कार्य किये। चौधरी चरणसिंह बड़े बुद्धिमान्, अर्थशास्त्रज्ञ, विद्वान, प्रवीण राजनीतिज्ञ, कुशल शासक, कर्मयोगी, निडर एवं ईमानदार, निपुण कार्यकर्त्ता, सिद्धान्तों के धनी, स्वाभिमानी, सत्य के पुजारी, भ्रष्टाचार व अन्याय के विरोधी, सरदार पटेल की भांति लोहपुरुष, सच्चे गांधीवादी, भारतवर्ष के किसानों के वास्तविक नेता तथा मजदूरों व गरीबों के मसीहा, महान् देशभक्त एवं भारत माता के सच्चे सपूत थे। वे अपने देश की भलाई में रुचि रखते थे और उनकी भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रति श्रद्धा थी। बड़े-बड़े पदों पर रहते हुए भी सरकारी साधनों के व्यक्तिगत प्रयोग के कट्टर दुश्मन रहे। सरकारी विभागों में खर्च की कमी को व्यावहारिक रूप देते रहे, पूंजीपतियों से चन्दा लेने के पक्ष में कभी नहीं रहे। मार्क्सवादी न होते हुए भी मार्क्स के इस कथन के समर्थक रहे कि पूंजी के साथ प्रभाव भी ग्रहण करना पड़ता है। अतः चुनाव प्रचार के लिए धन का अभाव होते हुए भी मील मालिकों से चन्दा लेने के विरोधी रहे। सिम्पिल लिविंग और हाई थिंकिंग के साक्षात् अवतार, गृहमन्त्री एवं प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने बंगले में भी एक कमरे में कालीन बिछाकर बैठते और सामने छोटी मेज रखकर लिखते थे। चौधरी साहब एक साधारण ग्रामीण की भांति खद्दर की धोती, कुर्ता, सिर पर गांधी टोपी और सादी जूती पहनते थे। आज देश को फिर से ऐसे ही राजनेताओं की आवश्यकता है। इस मौके पर आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, पूर्व सरपंच बलबीर राव, एडवोकेट अजय कुमार, मास्टर रोहिताश्व कुमार महला, पूर्व सरपंच राजकरण, शिक्षाविद् मोतीलाल डिग्रवाल, सतवीर धतरवाल,राजेंद्र फौजी, आनंद डैला, बाबूलाल, राधेश्याम चिरानिया, सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश सेवदा, सज्जन कुमार कटारिया, पूर्व सरपंच देशराज, मोहनलाल मान, कर्मवीर अगवाना, राजपाल मास्टर, रामनिवास चौधरी, श्रीराम ठोलिया आदि अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। जाट समाज के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया ने सभी का आभार प्रकट किया।